कांग्रेस ने दावा किया है कि आयकर विभाग ने उसके सभी बैंक अकाउंट्स फ्रीज़ कर दिए हैं और 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग की है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि केवल कांग्रेस पार्टी के ही नहीं बल्कि यूथ कांग्रेस के भी अकाउंट्स फ्रीज़ किए गए हैं.
अजय माकन ने दावा किया है कि कांग्रेस के सभी अकाउंट्स पर तालाबंदी कर दी गई है.
माकन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आयकर विभाग की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. प्रतिक्रिया आने पर इस ख़बर को अपडेट किया जाएगा.
माकन ने कहा, "ये केवल कांग्रेस के अकाउंट्स फ्रीज़ नहीं हुए हैं, गणतंत्र को फ्रीज़ किया गया है."
माकन ने दावा किया है कि अकाउंट्स फ्रीज़ कर आयकर विभाग ने कांग्रेस से कुल 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग की है.
उन्होंने इसकी टाइमिंग को लेकर भी सवाल किया और कहा, "चुनाव की घोषणा होने को एक या दो सप्ताह ही बचे रह गए हैं, उससे ठीक पहले ये कदम उठाया गया है."
उन्होंने कहा, "ये कदम उठाकर सरकार क्या संदेश देना चाहती है. क्या हमारे देश के भीतर एक पार्टी का सिस्टम रह जाएगा? बाकी पार्टियों के पास क्या रहने का अधिकार ही नहीं है?"
बीजेपी या सरकार के किसी मंत्री की ओर से इस बारे में ख़बर लिखे जाने तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है.
हालांकि बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "रकम अहम नहीं है. उल्लंघन क्या किया है, क्या क़ानून तोड़ा है. ये अहम है."
कोहली ने कहा, "क़ानून ये नहीं देखता कि सामने अमीर है या ग़रीब. क़ानून ये देखता है कि उल्लंघन हुआ या नहीं."
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए उस पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने बॉन्ड्स की जानकारी गोपनीय रखने को सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन बताया था.
चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने कहा कि था राजनीतिक पार्टियों को आर्थिक मदद से उसके बदले में कुछ और प्रबंध करने की व्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है. उन्होंने कहा कि काले धन पर काबू पाने का एकमात्र तरीक़ा इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं हो सकता है. इसके और भी कई विकल्प हैं.
अजय माकन ने क्या आरोप लगाया?
अजय माकन ने शुक्रवार सुबह अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "गणतंत्र पर हमला हो रहा है."
संवाददाता सम्मेलन में अजय माकन ने कहा, "देश के भीतर लोकतंत्र की पूरी तरीके से तालाबंदी हो गई है. ये चिंताजनक और निराशाजनक ख़बर है कि कांग्रेस पार्टी के सभी अकाउंट्स फ्रीज़ कर दिए गए हैं."
उन्होंने इसके बारे में कहा, "परसों (14 तारीख को) हमें जानकारी मिली कि पार्टी जो चेक जारी कर रही है, बैंक उसका निपटारा नहीं कर रहे. इस बारे में आगे छानबीन करने पर पता चला कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के सारे अकाउंट्स फ्रीज़ कर दिए गए हैं."
उन्होंने कहा, "हम न तो बैंक में पैसा जमा कर सकते हैं, न पैसा निकाल सकते है और न ही खुद के पास कैश रख सकते हैं."
"लोग पैसा देना जारी रख सकते हैं लेकिन हम उसे खर्च नहीं कर सकेंगे. न तो हम कार्यकर्ताओं की तनख्वाह दे सकेंगे और न ही अपने बिलों का निपटारा कर सकेंगे. हम चुनावी अभियान में, यहां तक कि अपना बिजली का बिल तक नहीं दे सकेंगे."
उन्होंने कहा, "ये पैसा किसी कॉर्पोरेट या पूंजीपति का नहीं है, बल्कि कांग्रेस ने क्राउडफंडिंग के ज़रिए जो पैसा इकट्ठा किया है उसका पैसा है."
"अकांउट में क़रीब 25 करोड़ रुपये हैं जिसमें से 95 फ़ीसदी से भी अधिक 100-100 रुपये ये भी कम कर के आम लोगों ने यूपीआई के ज़रिए दिया है. वहीं यूथ कांग्रेस के अकाउंट्स में रखा पैसा सदस्यता फ़ीस का पैसा है."
"दूसरी तरफ कॉर्पोरेट बॉन्ड का पैसा जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है, वो बीजेपी का पास है और उसे वो खर्च कर रही है."
क्या है मामला?
अजय माकन ने कहा कि 2018-19 के आयकर रिटर्न्स के आधार पर ये मांग की गई है.
उन्होंने बताया, "इसके दो कारण हैं. पहला कारण ये था कि हमें 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट्स की जानकारी देनी थी. उसमें 40-45 दिनों की देरी हुई थी. दूसरा कारण ये है कि 2018-19 चुनावी साल था और 1999 कांग्रेस को रसीदी मिली थी जो चुनाव में खर्च हुआ था. उसमें से 14 लाख 40 हज़ार रुपया कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने कैश में जमा कराई थी, ये उनकी एक महीने की तनख़्वाह थी. इन कारणों की वजह से कांग्रेस पर 210 करोड़ की रिकवरी की पेनल्टी लगा दी गई है."
उन्होंने बताया कि पार्टी के कुल चार अकाउंट्स हैं जो फ्रीज़ कर दिए गए हैं.
उन्होंने मांग की है कि अगर अकाउंट्स फ्रीज़ होने ही हैं तो असंवैधानिक करार दिए गए कॉर्पोरेट बॉन्ड्स का पैसा जो बीजेपी के खाते में हैं उन्हें फ्रीज़ किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमने बुधवार को आयकर अपील ट्राइब्यूनल में इसे लेकर अर्ज़ी लगाई है और ज़रूरत पड़ी को और ऊपर जाएंगे. इस पर सुनवाई हो रही है. हमें उम्मीद है कि देश का न्याय तंत्र लोकतंत्र पर हुए हमले से रक्षा करेगा. अब भरोसा केवल न्यायपालिका पर रह गया है."
अजय माकन ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने देशव्यापी विरोध करने की योजना बनाने के बारे में सोचा है.
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