आयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी होगी. इसकी तैयारियां अपने आखिरी चरण में पहुंच गई हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान भी शुरू हो गए हैं.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी के अनुसार 18 जनवरी से मूर्ति अधिवास शुरू होगा. दोनों समय जलाधिवास होगा. साथ ही सुगंधि और गंधाधि वास भी होगा. उन्होंने बताया कि 19 जनवरी को प्रात: फल अधिवास और शाम को धान्य अधिवास होगा. इसी तरह 20 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास होगा. शाम को औषधि और शय्या अधिवास होगा.
किस दिन होगा कौन सा कार्यक्रम
-16 जनवरी को अनुष्ठान की शुरुआत, प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन.
-17 जनवरी को श्रीराम लला की प्रतिमा का परिसर भ्रमण और गर्भगृह का शुद्धिकरण.
- 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ. तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास होगा.
-19 जनवरी को प्रातः धान्याधिवास औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास होगा. राम मंदिर में यज्ञ अग्निकुंड की स्थापना की जाएगी.
-20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास कार्यक्रम होगा. इस बीच गर्भ ग्रह को 81 कलश, अलग-अलग नदियों के जल से पवित्र किया जाएगा.
-21 जनवरी को मध्याधिवास, शय्याधिवास होगा.
-22 जनवरी को रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा.
रामलला का हो रहा द्वादश अधिवास
अशोक तिवारी ने बताया है कि भगवान राम सूर्यवंशी हैं और आदित्य भी द्वादश हैं इसलिए रामलला का द्वादश अधिवास हो रहा है. इसके अलावा 22 जनवरी तक चतुर्वेद यज्ञ भी होगा. 22 जनवरी को श्री रामलला के विग्रह की आंख से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा.
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