मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल आत्माराम पारदी हत्याकांड के मामले में नया मोड़ आ गया है. हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए वाहन की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सीआईडी की टीम ने तत्कालीन परिवहन अधिकारी मधु सिंह के खिलाफ जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज़ तैयार करने की एफआईआर दर्ज कराई है.
9 जून 2015 को धरनावदा के तत्कालीन थाना प्रभारी रामवीर सिंह कुशवाहा उर्फ दाऊ ने निर्दोष आत्माराम पारदी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिस वक्त आत्माराम पारदी की हत्या की गई, उस वक्त वो अपने रिश्तेदार के अस्थि विसर्जन के लिए पार्वती नदी के किनारे पहुंचा था. लेकिन तभी थाना प्रभारी रामवीर सिंह कुशवाहा भी आ गया और बदमाशों की घेराबंदी के नाम पर आत्माराम को गोली मार दी. गोलीकांड में आत्माराम की मौत हो गई.
रामवीर ने अन्य पुलिसकर्मियों की मदद से आत्माराम के शव को अपने कब्जे में लेकर निजी वाहन MP08 CA 0022 में रखा और घटनास्थल से रवाना हो गया. इसके बाद न ही आत्माराम का शव मिला और न ही कोई अवशेष. अपराध क्रमांक 65/17 आत्माराम पारदी हत्याकांड मामले में सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा उर्फ दाऊ को बर्खास्त किया जा चुका है और उसके ऊपर 30 हजार का इनाम भी घोषित है.
लेकिन जिस वाहन में आत्माराम के शव को रखकर लाया गया CID की जांच में उस वाहन के मालिक का नाम फर्जी पाया गया. वाहन मालिक संजय सिंह कुशवाहा पुत्र बहादुर सिंह के नाम पर दर्ज है. जबकि इस नाम का कोई भी व्यक्ति गुना में निवासरत नहीं है.
CID ने जांच में पाया कि वाहन मालिक को बिना देखे और बिना दस्तावेज़ जांचे परखे लाइसेंस बनाया गया जो कि तत्कालीन RTO मधु सिंह की मिलीभगत से संभव हो पाया. CID ने सिटी कोतवाली गुना में परिवहन अधिकारी मधु सिंह, क्लर्क बादाम सिंह समेत बर्खास्त दरोगा रामवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
रामवीर सिंह पिछले एक साल से फरार है. गुना पुलिस ने अब तक हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है. सीआईडी के डीएसपी सतीश चतुर्वेदी ने बताया कि परिवहन अधिकारी मधु सिंह, क्लर्क बादाम सिंह,बर्खास्त सब इंस्पेक्टर रामवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. आत्माराम पारदी से जुड़े अपराध नंबर 65/17 के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है.
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