प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना के विस्तार का आह्वान किया है. पीएम ने कहा कि देश में निराशा के लिए कोई स्थान नहीं है. पीएम ने राम नाम का जाप कुछ इस तरह किया है.
पीएम ने स्व से ऊपर उठकर समस्त की बात की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं. राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं. राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं.वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए’.
‘ये राष्ट्र चेतना का मंदिर है’
नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है. हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है’. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है बल्कि ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है और ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है.
रामलला के दर्शन किए सभी ने
प्रधानमंत्री ने कहा कि – राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं. पीएम ने राम को प्रवाह और प्रभाव कहते हुए उन्हें नेति और नीति दोनों कहा.
पीएम ने राम को नित्यता और निरंतरता का नाम बताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि राम विभु हैं, विशद हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं. प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद आज कार्यक्रम समाप्त हो गया. इसके फौरन बाद सभी आए विशिष्ट अतिथि रामलला के दर्शन के लिए गर्भगृह की ओर बढ़ें.
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