दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने 'उल्लू गैंग' का पर्दाफाश किया है। नोएडा पुलिस ने 'उल्लू गैंग' के पांच गुर्गों को उस वक्त धर दबोचा जब यह लोग रात में किसी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
'उल्लू गैंग' के जिन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा है उनकी पहचान दिलशाद उर्फ दिलशान उर्फ बिहारी, अनिस उर्फ अनिसुद्दीन, शहजाद, वरूण, भूपेंद्र, संसार और सलमान के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक, दिलशाद इस गैंग का मुखिया था। वरूण वारदात की जगह की रेकी करने में अनिस और शहजाद की मदद करता था। अनिस और शहजाद चुराए गए सामान को बेचने में भूपेंद्र की मदद करते थे और संसार तथा सलमान ग्राहक लाते थे।
इस गैंग के गुर्गे अपने ग्राहकों को यह नहीं बताते थे कि ट्रैक्टर कहां से आए। इसके अलावा वाहन से जुड़े कागजात को लेकर वो ग्राहकों से बहाना बना देते थे। गैंग के प्रत्येक सदस्य का काम अलग-अलग था लेकिन वाहन चुराने के लिए सभी साथ ही जाया करते थे।
17 लोगों की तीन पुलिस टीमें बनाई गईं
यह गैंग पिछले 5 साल से सक्रिय है। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग के सदस्य ज्यादातर दिल्ली के इलाकों को निशाना बनाते थे। हालांकि, इस गैंग का भंडाफोड़ नोएडा पुलिस ने ही किया है लेकिन नोएडा में यह काफी कम सक्रिय रहते थे। 7 दिसंबर को एक ट्रैक्टर की चोरी हुई थी। जिसकी जांच-पड़ताल पुलिस ने शुरू की थी। पुलिस ने इस दौरान CCTV फुटेज चेक किया। इसके बाद 17 लोगों की तीन टीमें बनाई गईं और आरोपियों की तलाश शुरू हो गई।
कैसे करते हैं कोड वर्ड का यूज
पुलिस ने इन आरोपियों के पास से चुराई गई 8 ट्रैक्टरें जब्त की हैं। इसके अलावा इनके पास से तीन फायरआर्म्स और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, मनीष कुमार मिश्रा ने कहा कि इस गैंग का नाम इसके कोड वर्ड - 'आज रात उल्लू उड़ेगा' से पड़ा है। उन्होंने कहा, 'इस गैंग के सदस्य आज रात उल्लू उड़ेगा कह कर एक-दूसरे को सिग्नल दिया करते थे। इस कोड वर्ड के जरिए यह एक-दूसरे को किसी जगह जुटने के लिए कहते थे और फिर अपना प्लान बनाते थे।
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