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मंगलवार, 23 जनवरी 2024

Karpoori Thakur Bharat Ratna: बिहार का एक और सपूत बना भारत रत्न, 23 साल बाद किसी बिहारी हस्ती को मिलेगा देश का सर्वोच्च सम्मान

 

75वें गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रपति भवन की ओर से आज मंगलवार को भारत रत्न का ऐलान कर दिया गया. भारत रत्न 2024 महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार में 2 बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को दिया जाएगा.

कर्पूरी ठाकुर को उनकी लोकप्रियता की वजह से जननायक कहा जाता है. उन्हें भारत रत्न देने का यह ऐलान ऐसे समय किया गया जब देश में कल बुधवार को उनकी जन्म शताब्दी मनाई जा रही है.

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिया जाएगा. वह बिहार से भारत रत्न पाने वाली 5वीं शख्सियत हैं. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की शुरुआत 1954 में हुई थी और अब तक 48 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है. कर्पूरी ठाकुर देश की 49वीं हस्ती होंगे जिन्हें यह सम्मान मिलेगा. आइए जानते हैं कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले कितनी हस्तियों को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है. यह भी जानते हैं कि बिहार में माटी में पैदा होने वाली वो पहली हस्ती कौन थी.

बिहार में जन्में, WB के बने CM, फिर भारत रत्न

कर्पूरी ठाकुर से पहले 2001 में बिहार में पैदा होने वाले उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को भारत रत्न से नवाजा गया था. कर्पूरी अब बिहार की पांचवीं हस्ती बन गए हैं जिन्हें भारत रत्न मिलेगा. 1954 में भारत रत्न देने की शुरुआत के करीब 7 साल बाद पहली बार बिहार में पैदा हुई हस्ती को यह सम्मान मिला. यह सम्मान मिला था विधानचंद्र रॉय को.

डॉक्टर विधानचंद्र रॉय (1882-1962) का जन्म बिहार के पटना में हुआ था, हालांकि बाद में वह पश्चिम बंगाल में चले गए और वहां पर मुख्यमंत्री बने. लेकिन बिहार की माटी में पैदा हुए विधानचंद्र रॉय भारत रत्न पाने वाली राज्य की पहली हस्ती बने और उन्हें साल 1961 में देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया था. उन्हें पश्चिम बंगाल का निर्माता भी कहा जाता है और एक जुलाई को उनके जन्मदिवस पर नेशनल डॉक्टर्स डे भी मनाया जाता है.

तीसरे भारत रत्न के लिए 37 साल का इंतजार

रॉय के बाद बिहार से भारत रत्न पाने वाले दूसरी शख्सियत रहे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद. देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (1884-1963) का जन्म बिहार के सिवान जिले में हुआ था. वह एकमात्र नेता हैं जो राष्ट्रपति पद पर 10 साल तक रहे. उन्हें भारत रत्न का सम्मान विधानचंद्र रॉय के मिलने के 2 साल बाद दिया गया. राजेंद्र प्रसाद को 1962 में यह सम्मान मिला था.

डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद बिहार को भारत रत्न के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. 1962 के करीब 37 साल बाद 1999 में बिहार के लिए खुशखबरी आई जब राष्ट्रपति ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया. जयप्रकाश नारायण के साथ तब कुल 4 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा गया था. जयप्रकाश नारायण के अलावा प्रोफेसर अमर्त्य सेन, लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई (मरणोपरांत) और पंडित रविशंकर को भी दिया गया था. जयप्रकाश नारायण महान स्वतंत्रासेनानी रहे हैं और आजादी के बाद इंदिरा गांधी दौर में इमरजेंसी के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था.

बिहार के लाल बिस्मिल्लाह खान बने भारत रत्न

हालांकि बिहार को चौथे भारत रत्न के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा और 2 साल बाद एक और बिहार के सपूत को इस सम्मान से नवाजा गया. जयप्रकाश नारायण के बाद शहनाई के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को भी भारत रत्न से नवाजे जाने का ऐलान किया गया. उन्हें यह सर्वोच्च सम्मान साल 2001 में दिया. उनका जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था, उनके बचपन का नाम कमरुद्दीन खान था. लेकिन उनके दादा ने उनका नाम बिस्मिल्लाह खान कर दिया. वह भारत रत्न पाने वाले बिहार के सपूतों में अकेली ऐसी हस्ती हैं जिनका राजनीति से कोई नाता नहीं रहा है. और वह शहनाई वादन के लिए दुनियाभर में जाने जाते रहे.

बिस्मिल्लाह खान के बाद अब कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजे जाने का ऐलान किया गया है. भारत रत्न पाने वाली इन 5 दिग्गज हस्तियों में एक राष्ट्रपति और 2 पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. जबकि जयप्रकाश नारायण एक समाजवादी नेता के रूप में रहे, वह किसी भी पद पर नहीं रहे, लोगों के हित के लिए लगातार संघर्ष करते रहे. इनके अलावा बिस्मिल्लाह खान का नाता संगीत जगत से रहा.

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