- हिंदू कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार कार सेवक की रिहाई का जश्‍न मनाया | सच्चाईयाँ न्यूज़

शनिवार, 6 जनवरी 2024

हिंदू कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार कार सेवक की रिहाई का जश्‍न मनाया

 

कार सेवक श्रीकांत पुजारी को उनकी गिरफ्तारी के नौ दिन बाद शनिवार को कर्नाटक के हुबली शहर की जेल से रिहा कर दिया गया, उसके बाद हिंदू कार्यकर्ता उनकी रिहाई का जश्‍न मनाने के लिए जेल के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हुए।

हिंदू कार्यकर्ताओं ने पुजारी को माला पहनाई और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। साथ ही, उन्हें भगवान राम और देवी सीता की तस्वीर भी दी।

गिरफ्तार कार सेवक के स्वागत के लिए हुबली-धारवाड़ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक महेश तेंगिनाकाई, बजरंग दल, विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्य और भाजपा पार्षद जेल के बाहर मौजूद थे।

पुजारी ने कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी से विचलित नहीं हैं और राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के जश्‍न में हिस्सा लेने के लिए 19 जनवरी को अयोध्या जाएंगे।

हुबली में प्रथम अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 31 साल पुराने मामले में पुजारी को सशर्त जमानत दी थी।

कर्नाटक भाजपा इकाई ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू की थी और पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए अभियान शुरू किया था।

पुजारी की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था।कार सेवक श्रीकांत पुजारी को उनकी गिरफ्तारी के नौ दिन बाद शनिवार को कर्नाटक के हुबली शहर की जेल से रिहा कर दिया गया, उसके बाद हिंदू कार्यकर्ता उनकी रिहाई का जश्‍न मनाने के लिए जेल के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हुए।

हिंदू कार्यकर्ताओं ने पुजारी को माला पहनाई और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। साथ ही, उन्हें भगवान राम और देवी सीता की तस्वीर भी दी।

गिरफ्तार कार सेवक के स्वागत के लिए हुबली-धारवाड़ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक महेश तेंगिनाकाई, बजरंग दल, विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्य और भाजपा पार्षद जेल के बाहर मौजूद थे।

पुजारी ने कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी से विचलित नहीं हैं और राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के जश्‍न में हिस्सा लेने के लिए 19 जनवरी को अयोध्या जाएंगे।

हुबली में प्रथम अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 31 साल पुराने मामले में पुजारी को सशर्त जमानत दी थी।

कर्नाटक भाजपा इकाई ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू की थी और पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए अभियान शुरू किया था।

पुजारी की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था।

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