- भ्रष्टाचारियों का सार्वजनिक महिमामंडन कार्यपालिका, न्यायपालिका और संविधान का अपमान: पीएम मोदी | सच्चाईयाँ न्यूज़

शनिवार, 27 जनवरी 2024

भ्रष्टाचारियों का सार्वजनिक महिमामंडन कार्यपालिका, न्यायपालिका और संविधान का अपमान: पीएम मोदी

 

PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (27 जनवरी) को परोक्ष रूप से कुछ विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि वे मर्यादा का उल्लंघन करने वाले सदस्यों के समर्थन में खड़े होते हैं.

पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अदालत से सजा पाए भ्रष्टाचारियों का सार्वजनिक महिमामंडन कार्यपालिका, न्यायपालिका और संविधान का अपमान है.

पीएम मोदी ने अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के लिए अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि विधान सभाओं और समितियों की दक्षता बढ़ाना आज के समय में महत्वपूर्ण है जहां सतर्क नागरिक प्रत्येक प्रतिनिधि की जांच करते हैं.

बिहार के राजनीतिक संकट के बीच आई पीएम मोदी की टिप्पणी

भ्रष्टाचारियों के सार्वजनिक महिमामंडन पर पीएम मोदी की टिप्पणी बिहार में राजनीतिक संकट के बीच आई है, जहां लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली आरजेडी सत्तारूढ़ गठबंधन की एक प्रमुख घटक है. लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामलों में सजा का सामना करना पड़ा है और वह इन मामलों से लड़ रहे हैं. पीएम मोदी ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस पर चर्चा करें कि सदन की मर्यादा कैसे बरकरार रखी जाए.

भ्रष्टाचारियों के सार्वजनिक महिमामंडन पर पीएम मोदी का निशाना

पीएम मोदी ने कहा, ''आज एक और परिवर्तन के हम साक्षी बन रहे हैं, पहले अगर सदन के किसी सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता थ तो सार्वजनिक जीवन में सभी उससे दूरी बना लेते थे, लेकिन आज हम कोर्ट से सजा पाए भ्रष्टाचारियों का भी सार्वजनिक रूप से महिमामंडन होते देखते हैं. ये कार्यपालिका का अपमान है, ये न्यायपालिका का अपमान है, ये भारत के महान संविधान का भी अपमान है. इस विषय पर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा और ठोस सुझाव भविष्य के लिए एक नया रोडमैप बनाएंगे.''

'कुछ राजनीतिक दल सदस्यों की गलतियों का बचाव करने लग जाते हैं'

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, ''एक समय था जब अगर सदन में कोई सदस्य मर्यादा का उल्लंघन करे, उस पर नियम के मुताबिक कार्रवाई हो तो सदन के बाकी वरिष्ठ उस सदस्य को समझाते थे ताकि भविष्य में वो ऐसी गलती न दोहराए औ सदन के वातावरण को, उसकी मर्यादाओं को टूटने न दे लेकिन आज के समय में हमने देखा है कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे ही सदस्यों के समर्थन में खड़े होकर उनकी गलतियों का बचाव करने लग जाते हैं. ये स्थिति संसद हो या विधानसभा, किसी के लिए ठीक नहीं है. सदन की मर्यादा को कैसे बनाए रखा जाए, ये चर्चा इस फोरम में बहुत आवश्यक है.''

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