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मंगलवार, 9 जनवरी 2024

जी एंटरटेनमेंट के जवाब के बाद शेयर में रिकवरी, सुबह हो गया था क्रैश

 

जी-सोनी मर्जर को लेकर इकोनामिक टाइम्स में छपी खबर को निराधार बताते हुए जी एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने एनएसई और बीएसई को जवाब भेजा है। इसमें ZEEL ने कहा है कि लेख निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत है।

इसके बाद सुबह 11 फीसद से अधिक टूट चुके जी के शेयरों में रिकवरी देखने को मिल रही है। दोपहर डेढ़ बजे के करीब एनएसई पर स्टॉक केवल 3.86 फीसद गिरावट के साथ 267.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

जी ने कहा है, " हम दोहराना चाहते हैं कि कंपनी सोनी के साथ मर्जर के लिए प्रतिबद्ध है और प्रस्तावित मर्जर को सफलतापूर्वक पूरा करने की दिशा में काम करना जारी रखे हुए है। हम यह भी बताना चाहेंगे कि कंपनी ने हमेशा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) विनियम, 2015 के तहत अपने दायित्वों का पालन किया है और उसी के अनुसार खुलासे करना जारी रखेगी।
हमें उम्मीद है कि उपरोक्त मामले को स्पष्ट कर देगा।"

इससे पहले सुबह जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के शेयर आज एनएसई पर 10% से अधिक टूटकर दिन के निचले स्तर 240.30 रुपये पर आ गए। गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह सोनी ग्रुप कॉर्प में 10 बिलियन डॉलर के मर्जर की डील रद्द करने के करीब की खबरें हैं। सुबह साढ़े दस बजे के करीब जी के शेयर करीब 11 फीसद नीचे 247.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। पिछले 5 दिन में यह स्टॉक 13 फीसद से अधिक टूट चुका है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जी एंटरटेनमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनित गोयनका रेग्यूलेटरी दिक्कतों में उलझे हुए हैं। यह सोनी को इस सौदे को रद्द करने पर विचार करने के लिए प्रेरित करने वाले मेन कारणों में से एक लग रहा है। सोनी शायद 22 जनवरी की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर जी को डील रद्द होने की नोटिस भेजने की योजना बना रही है।

सोनी-जी मर्जर की राह में रोड़े

जब से जी एंटरटेनमेंट ने दिसंबर 2021 में सोनी ग्रुप के साथ विलय ऐलान किया तब से इस सौदे को इसके सबसे बड़े सार्वजनिक शेयरधारक इनवेस्को द्वारा असहमति के रूप में बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद एस्सेल समूह के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही हुई। इन दिक्कतों को पार करते हुए जी मर्जर के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में सफल रही, लेकिन पिछले साल सेबी के निर्देश ने गोयनका को किसी भी कार्यकारी या निदेशक पद पर रहने से रोक दिया था।

यह सौदे को पूरा होने की राह में रोड़ा बन गया। मर्जर के सौदे की शर्तों के अनुसार, गोयनका को मर्जर वाली यूनिट का नेतृत्व करना था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में सिक्योरिटीज एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल ने गोयनका के खिलाफ सेबी के आदेश को पलट दिया, जिससे दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को उम्मीद की किरण मिली।

मार्केट को उम्मीद थी कि यह डील तय समय सीमा 21 दिसंबर 2023 तक पूरी हो जाएगी, लेकिन जी ने महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए सोनी से समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसमें मर्ज की गई इकाई का नेतृत्व करने वाले गोयनका भी शामिल थे। ब्लूमबर्ग ने बताया कि चल रही नियामक जांच के बीच सोनी अब मर्ज की गई इकाई का नेतृत्व करने वाले गोयनका के साथ सहज नहीं थी।

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