- जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बड़े घोटाले की सुगबुगाहट, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लगाए गंभीर आरोप | सच्चाईयाँ न्यूज़

मंगलवार, 9 जनवरी 2024

जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बड़े घोटाले की सुगबुगाहट, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लगाए गंभीर आरोप

 


दिल्ली में शराब नीति मामले में फंसी आम आदमी पार्टी के लिए अब पंजाब में भी मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं. जालंधर नगर निगम में स्मार्ट सिटी के नाम पर हुए बड़े घोटाले का मामला अब केंद्र सरकार के पास पहुंच गया है.दरअसल, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मानवीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पूरी को पत्र लिख कर मामले की सख़्त कार्रवाई की मांग की है. इस घोटाले में पंजाब सरकार की मिली भगत के आरोप लग रहे हैं.

दरअसल, पंजाब के जालंधर में नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में विकास के नाम पर करीब एक हजार करोड़ के महाघोटाले पर जालंधर बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को इसकी जांच सीबीआई और केंद्रीय विजिलेंस कमीशन से करवाने की अपील की थी और इस मुद्दे पर सभी जालंधर बीजेपी नेताओं ने हस्ताक्षर करके शिकायत पत्र भेजा था. इस पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल ने केंद्रीय आवास और शहरी विकास कार्य मंत्री हरदीप पुरी के मंत्रालय के अंतर्गत चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जालंधर मे हुए महाघोटाले की जांच करवाने की मांग करते हुए चिट्ठी लिखकर निजी तौर पर गुहार की है.

क्या है मामला?

बीते दिनों केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जालंधर गए थे. इस दौरान जालंधर के नेताओं ने ये मुद्दा उनके सामने रखा. जिसके बाद मंत्री मेघवाल ने मामले की जांच को लेकर पत्र हरदीप सिंह पुरी को लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि केंद्र की योजनाएं लोगों तक पहुंचने में भगवंत मान सरकार रुकावट बन रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में केंद्र ने जन कल्याण की कई योजनाएं चला रखी हैं. जिस कारण लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

बड़े घोटाले का आरोप

मेघवाल ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि जालंधर मे स्मार्ट रोड, एल.ई.डी पार्क, चौंक, फ्लाइ ओवर, अंडरब्रिज, कूड़े के डंप पर प्रोसेसिंग मशीन लगाने, साफ पानी घर-घर तक पहुंचाने जैसे कई कामों के लिए केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब 1 हजार करोड़ रुपए की राशि विकास कार्य के लिए पंजाब सरकार के माध्यम से नगम निगम जालंधर को दी गई थी, लेकिन जालंधर के कुछ अधिकारियों, ठेकेदारों और राजनीतिक दलों के नेताओं की मिलीभगत के कारण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्धारित कामों के उलट अपनी मन-मर्जी से कई योजनाएं बनाकर अलग-अलग तरीके से भ्रष्टाचार किया गया.

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