रणनीति में बदलाव
जबसे रूस ने युद्ध शुरू किया, यूक्रेन ने कभी इस तरह के भारी हमलों का सामना नहीं किया था.
जो बदलाव देखने को मिल रहा है वो सिर्फ़ हमलों की व्यापकता नहीं बल्कि इसकी रणनीति भी है.
दो जनवरी को कीएव पर छह घंटे तक हमले होते रहे. रूसी सेना ने राजधानी पर दर्जनों ड्रोन से हमला किया. यूक्रेनी एयर फ़ोर्स का कहना है कि उसने इनमें से 35 को मार गिराया.लेकिन इसके बाद मिसाइल से हमले हुए, जिसमें कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया, ताकि पूरे हवाई क्षेत्र पर दबदबा बनाया जा सके और शहर के सुरक्षा घेरे को तोड़ा जा सके.इन पाँच दिनों में कीएव के बिल्कुल केंद्र में मिसाइलें गिरीं और ऐसा पिछले कई महीनों में पहली बार हुआ है.यूक्रेन के सेंटर फ़ॉर मिलिटरी लीगल रिसर्च के अलेक्सेंडर मुसियेंको ने बीबीसी को बताया, "वे हमारे हवाई सुरक्षा प्रणाली को भेदने के लिए हमेशा कुछ अलग रास्ता तलाशते हैं और अपने हमलों को और प्रभावी बनाते हैं."इसके लिए वे अलग-अलग मिसाइलें इस्तेमाल करते हैं- जैसे हाइपरसोनिक, क्रूज़ और बैलिस्टिक. साथ ही वे इन मिसाइलों को अलग अलग रास्तों से दागते हैं.ये हथियार यूक्रेन की हवाई सीमा में अपनी दिशा बदल सकते हैं, यह यूक्रेन के एयर डिफ़ेंस के लिए एक और सिरदर्द है.
हवाई हमलों पर रूस का कितना ख़र्च?
इसके अलावा रूस अपना फ़ोकस अन्य क्षेत्रों की ओर भी ले जा रहा है. 29 दिसंबर को उसने अपने पूरे देश के शहरों पर अपने हथियार दागे, जबकि दो जनवरी को उसने केवल कीएव और खारकीएव को निशाना बनाया.
मुसियेंको ने कहा, "रूसियों ने अपने हमलावर ताक़त को केंद्रित करने की कोशिश की और सिर्फ़ एक या दो शहरों पर निशाना साधा."इन हमलों के लिए रूस जिस तरह तैयारी करता है, वो भी बदल रहा है. यूक्रेन की इंटेलिजेंस सर्विस एसबीयू ने मंगलवार को कहा कि उसने दो रोबोटिक ऑनलाइन सर्विलांस कैमरा पाया है और उसे निष्क्रिय किया है.एसबीयू के अनुसार, रूस ने कीएव की रक्षापंक्ति की जासूसी करने और टारगेट की निशानदेही के लिए कैमरों को हैक कर लिया था.अभी ये साफ़ नहीं है कि इतने बड़े पैमाने पर हमले करने में रूस कब तक सक्षम रह सकता है.यूक्रेनी मीडिया के विश्लेषण से पता चलता है कि 29 दिसंबर को किए गए हमलों का अकेले खर्च ही 1.273 अरब डॉलर है. फ़ोर्ब्स मैगज़ीन के मुताबिक़, दो जनवरी को हुए हमले का खर्च 62 करोड़ डॉलर है.
यूक्रेन को सर्दियों से पहले ही इस बात का डर था कि रूस बड़े पैमान पर हमले के लिए हथियार जमा कर रहा था.
कीएव में एयर डिफ़ेंस के लिए एंटी एयरक्राफ़्ट गन का इस्तेमाल.बड़े हमले जारी रह सकते हैं
ले मोंडे में प्रकाशित विश्लेषण में एक यूक्रेनी अधिकारी के बयान दिया गया है, जिसमें उसने कहा कि रूस के हथियारों के जखीरे में अभी भी 1000 बैलिस्टिक या क्रूज़ मिसाइलें हैं और हर महीने वो 100 नई मिसाइलें बना सकता है, जैसे कि कालिबर्स और केएच-101s.
लेकिन मुसियेंको का कहना है कि यूक्रेन भी अपनी तैयारी कर रहा है.
आने वाले ड्रोन हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन जर्मनी निर्मित गेपार्ड एंटी एयरक्राफ़्ट गन का इस्तेमाल करता है, जबकि सोवियत ज़माने के बक सिस्टम को क्रूस मिसाइलों के ख़िलाफ़ और अमेरिकी पैट्रियट मिसाइलों को किंज़ल मिसाइलों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जाता है.
वो कहते हैं, "अलग-अलग हमलों के लिए हमने अपने सिस्टम को अलग-अलग बांट दिया है." लेकिन इसका ये भी मतलब है कि गोला बारूद और रख रखाव के लिए पश्चिम पर अधिक निर्भरता, "इसलिए ये बहुत अहम है कि हमें ये मदद मिलती रहे."
यह कीएव के लिए एक मुख्य मुद्दा है.
अमेरिका से मिलने वाली मदद घरेलू राजनीति का शिकार हो गई है जबकि यूरोप ने 2023 के अंत में जो 10 लाख आर्टिलरी गोलों को देने का वादा किया था उसका आधा भी नहीं दे पा रहा है.
ऐसे में जब यूक्रेन की आपूर्ति बाधित होने से उसे हथियारों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है, रूस इन बड़े हमलों को जारी रख सकता है.एनस्तीसिया लेवशेंको और हाना कोर्नस की अतिरिक्त रिपोर्टिंग
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