जालंधर में दो नाबालिगों ने 17 साल की किशोरी से गैंगरेप किया और उसका वीडियो वायरल कर दिया। दो आरोपियों ने दुष्कर्म किया जबकि उनका तीसरा साथी वीडियो बनाता रहा। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर बाल सुधार घर भेज दिया है।
आवाज दबाने के लिए गाने चलाए
वायरल वीडियो में घर की दूसरी मंजिल पर दो नाबालिग दिख रहे हैं। इनमें एक युवक ने किशोरी के दोनों हाथ पकड़े हैं जबकि दूसरा उसके कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद वह नाबालिग से गलत तरीके से छूता है। नाबालिग उसे दूर करने की कोशिश करती है, छोड़ने की गुहार भी लगाती रही लेकिन आरोपी हंसते हुए उसके साथ गलत हरकत करते रहे। खुद को बचाने के लिए जब नाबालिग जोर-जोर से चिल्लाने लगी तो एक नाबालिग आरोपी ने दूसरे को कहा कि तेज आवाज में गाना लगा दो, जिससे आवाज बाहर न जाए।
जब नाबालिग की चिल्लाने की आवाज बंद नहीं हुई तो आरोपी ने उसके मुंह को हाथ से दबाकर बंद कर दिया। दोनों आरोपी गैंगरेप के वक्त गाली-गलौज करते भी सुनाई दे रहे हैं।
बुआ के घर से लौट रही थी किशोरी
पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि आरोपियों ने उक्त वारदात को थाना-1 के एरिया में पड़ते राम जानकी नगर में अंजाम दिया था। पिता ने पुलिस को बताया था कि कुछ दिन पहले उनकी बेटी घर से बुआ के घर पर खाना देने के लिए गई थी। जब वह खाना देकर लौट रही थी तो रास्ते में दोनों नाबालिगों ने उससे छेड़छाड़ की। बेटी ने विरोध किया तो वह उसे घसीटकर एक घर की दूसरी मंजिल पर ले गए। जहां दोनों ने युवकों ने बारी-बारी बेटी से रेप किया। जिसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए थे।
वीडियो बनाने की बात से मुकरे आरोपी
वीडियो का पता चलने पर पुलिस ने गैंगरेप में पकड़े दोनों आरोपियों से पूछताछ की। जिसमें वह मुकर गए कि यह वीडियो उनके किसी साथी ने नहीं बनाया है। उन्हें नहीं पता कि कि यह वीडियो किसने बनाया। उन्हें तो यह भी अब पता चला कि उनका वीडियो भी बनाया गया है।
थाना एक के प्रभारी इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि पुलिस को मिली शिकायत के तुरंत बाद दोनों नाबालिगों के खिलाफ धारा 376-D, पॉक्सो एक्ट और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया था। केस दर्ज करने के कुछ देर बाद ही दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
जांच में सामने आया है कि उक्त वीडियो वहां किसी तीसरे व्यक्ति ने छिपकर बनाया है। जिसने नाबालिग को बचाने के बजाय वीडियो बनाकर वायरल कर दी। जिसके बारे में ना तो पीड़िता को पता है और ना ही इस बारे में आरोपियों को कुछ पता है। इसलिए पुलिस इसे लेकर टेक्निकल एंगल पर जांच कर रही है।
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