ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर अमेरिका चिंतित है और उसने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कहा कि मामले को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है.
इस सवाल के जवाब में कि अमेरिकी प्रशासन ईरान और पाकिस्तान के बीच स्थिति को कैसे देखता है, मिलर ने कहा कि हम क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बारे में चिंतित हैं. यह कुछ ऐसा है जिस पर हमने कई बार बात की है, हमने इस पर ध्यान केंद्रित किया है.
तनाव रोकने का कूटनीतिक प्रयास
उन्होंने कहा कि हम तनाव को रोकने के लिए गहन कूटनीतिक प्रयासों में लगे हुए हैं. हमने पाकिस्तान और उसके पड़ोसियों के बीच सहयोगात्मक संबंधों के महत्व के बारे में पाकिस्तान सरकार के पक्ष पर ध्यान दिया है. हमे लगता है कि उन्होंने उपयोगी बयान दिए थे, और निश्चित रूप से, वहां तनाव बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. हम इस मामले में सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करेंगे.
पाकिस्तान ने अमेरिका से ली सलाह
उन मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, जिनमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने ईरान में हमले करने से पहले अमेरिका से सलाह ली थी, मिलर ने कहा मेरे पास ऐसा कोई जानकारी नहीं है. हमारा मानना नहीं है कि इसे किसी भी तरह, आकार या स्वरूप में आगे बढ़ना चाहिए. पाकिस्तान अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है और हम इस मामले में संयम बरतने का आग्रह करेंगे.
मैथ्यू मिलर ने ईरान को हिज़्बुल्लाह का प्रमुख फाइनेंसर और हमास का समर्थक बताया. मिलर ने कहा कि मुझे लगता है कि मैंने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया था कि हम ईरान के हमलों के बारे में क्या सोचते हैं, न कि केवल उन हमलों के बारे में जो पिछले तीन दिनों में उसके तीन हमलों के खिलाफ शुरू किए गए थे.
पाकिस्तान में ईरान का हमला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में इजरायली जासूसी मुख्यालय और सीरिया में कथित आईएसआईएस से जुड़े ठिकानों पर मिसाइलें दागने के बाद पाकिस्तान में ईरान के हमले हुए.
ईरान हमास के प्रमुख समर्थक
मैथ्यू मिलर ने कहा कि आपने ईरान को हमास के प्रमुख समर्थक के रूप में देखा है. वे हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के प्रमुख फाइनेंसरों में से एक हैं. हमने उन कार्यों के परिणाम देखे हैं जो ईरान ने क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाने के लिए उठाए हैं. पाकिस्तान अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है. हम उनसे इस मामले में संयम बरतने का आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि हम तनाव नहीं बढ़ते देखना चाहते हैं और हमें नहीं लगता कि इसे बढ़ने की जरूरत है.
अमेरिका ईरान और पाकिस्तान के संबंध
इस बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक, जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका ईरान और पाकिस्तान के संबंध में स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है और वे स्थिति में वृद्धि नहीं देखना चाहते हैं. जॉन किर्बी ने कहा कि आप सभी ने पाकिस्तान से रिपोर्ट देखी होगी कि उन्होंने ईरान में कुछ मिसाइलें दागीं. हम इस पर बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.
सशस्त्र संघर्ष में वृद्धि
तनाव बढ़ने के संभावित खतरों के बारे में पूछे जाने पर, किर्बी ने कहा, मेरा मतलब है, ये दो अच्छी तरह से सशस्त्र राष्ट्र हैं. और फिर, हम क्षेत्र में किसी भी सशस्त्र संघर्ष में वृद्धि नहीं देखना चाहते हैं, निश्चित रूप से उन दो देशों के बीच. मैं पाकिस्तान को उनके सैन्य अभियानों के बारे में बताना चाहता हूं. जैसा कि आप जानते हैं, उन पर सबसे पहले हमला ईरान ने किया था, जो स्पष्ट रूप से एक और लापरवाह हमला था, क्षेत्र में ईरान के अस्थिर व्यवहार का एक और उदाहरण था.
ईरान में मिसाइल हमला
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा था कि उसने ईरान में मिसाइल हमले किए हैं और खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) ने कहा कि उसने ईरान के सीस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमले किए हैं. इसमें कहा गया है कि खुफिया ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए, जिसका कोडनेम ‘मार्ग बार सरमाचर’ था.
हमले की निंदा
पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई ईरान द्वारा मंगलवार के हमले की निंदा करने के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि इसमें दो बच्चों की मौत हो गई. समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि मंगलवार को ईरान ने पाकिस्तान में तेहरान के विरोधी एक आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था.
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