- भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद खन्ना को ईडी का समन, 47.88 करोड़ की रिश्वत का है मामला | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 29 जनवरी 2024

भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद खन्ना को ईडी का समन, 47.88 करोड़ की रिश्वत का है मामला



 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद खन्ना को समन जारी किया है। 15 साल पुराने मामले में ईडी ने 30 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है। यह मामला करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

खन्ना पर आरोप है कि वर्ष 2008 में एक फर्म के पक्ष में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ तीन विमानों का सौदा करने के लिए करीब 47 करोड़ 88 लाख रुपये (5.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत ली गई थी। ईडी ने अरविंद खन्ना को एम्ब्रेयर भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ के लिए समन किया है।

प्रवर्तन निदेशालय वर्ष 2020 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुका है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक खन्ना को सबसे पहले 6 जनवरी को समन और फिर 15 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। ये समन ईडी के सहायक निदेशक दीपक कुमार की ओर से जारी किए गए थे।

उधर, सीबीआई ने भी इस मामले में कुछ समय पहले ही दायर की गई चार्जशीट में आपराधिक साजिश के तहत धारा-120बी के तहत भ्रष्टाचार से जुड़ीं धाराएं जोड़ी हैं। सीबीआई ने जून 2023 में अरविंद खन्ना, उद्योगपति अनूप गुप्ता और एडवोकेट गौतम खेतान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में आरोपी अरविंद खन्ना के पिता का नाम भी शामिल था।

वह रक्षा सलाहकार रहे हैं। बाद में उनका नाम हटा दिया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वत का पैसा सिंगापुर की एक कंपनी के जरिये बिचौलियों तक पहुंचाया गया था। इस कंपनी से जुड़े अधिकारी भी ईडी के रडार पर हैं। जल्द ही इनकी भूमिका का भी पर्दाफाश होगा।

दो साल पहले भाजपा में शामिल हुए
अरविंद खन्ना दो साल पहले पंजाब भाजपा में शामिल हुए थे। पहली बार वर्ष 2002 में खन्ना कांग्रेस की टिकट पर संगरूर विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार रहे, लेकिन अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा से हार का सामना करना पड़ा था। 2012 में अरविंद खन्ना ने धूरी हलके से विधानसभा चुनाव लड़ा। यहां एकतरफा जीत से वह पार्टी व प्रदेश में उभरकर सामने आए थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार न बनने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। बाद में 2021 में भाजपा से उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं और वह पार्टी में शामिल हो गए।

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