भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि ‘सड़क सुरक्षा के 4ई’ – इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन इंजीनियरिंग), एनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी चिकित्सा सेवा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सामाजिक व्यवहार में बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग पर जोर दिया.
ड्राइवरों की आंखों की हो नियमित जांच
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि नागरिकों के बीच अच्छे यातायात व्यवहार के लिए पुरस्कार की प्रणाली से नागपुर में सकारात्मक परिणाम मिले हैं. केंद्रीय मंत्री ने ड्राइवरों की नियमित आंखों की जांच पर जोर दिया और संगठनों से अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत इसके लिए मुफ्त शिविर आयोजित करने को कहा. उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेजों के बीच शिक्षा और जागरूकता, एनजीओ, स्टार्ट-अप, टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स, आईआईटी, विश्वविद्यालयों, यातायात और राजमार्ग प्राधिकरणों के साथ सहयोग सड़क सुरक्षा के लिए अच्छी प्रथाओं को फैलाने का रास्ता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटना 2022 पर लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार 4.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, 1.68 लाख मौतें हुईं और 4 लाख लोग गंभीर रुप से घायल हुए. उन्होंने कहा कि हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 19 मौतें होती हैं.
सड़क हादसों में 12 प्रतिशत की वृद्धि
गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों में भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद को 3.14 प्रतिशत का सामाजिक-आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत मौतें 18 से 35 वर्ष के युवा वर्ग में होती हैं. उन्होंने कहा कि दुर्घटना मृत्यु एक परिवार में कमाने वाले का नुकसान, नियोक्ता के लिए पेशेवर नुकसान और अर्थव्यवस्था के लिए नुकसान है.
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