- उत्तराखंड मंत्री के भाई के घर डकैती का सरगना मेरठ से गिरफ्तार, पुलिस ने फिल्मी अंदाज में की प्लानिंग; 15 माह बाद चढ़ा हत्थे | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 8 जनवरी 2024

उत्तराखंड मंत्री के भाई के घर डकैती का सरगना मेरठ से गिरफ्तार, पुलिस ने फिल्मी अंदाज में की प्लानिंग; 15 माह बाद चढ़ा हत्थे

 


उत्तराखंड सरकार में काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर करीब एक करोड़ रुपये की डकैती डालने वाले मुख्य सरगना परवेज उर्फ बाबा को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया।आरोपित बाबा घटना के बाद से लगातार फरार चल रहा था। उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। डकैती की इस घटना में शामिल आठ अन्य बदमाशों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपित बाबा 15 माह की मशक्कत के बाद अब हत्थे चढ़ा।एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई डोईवाला निवासी शीशपाल अग्रवाल के घर पर 15 अक्टूबर 2022 को हथियारबंद बदमाशों ने डकैती डाली थी। डकैतों ने घर से कैश व आभूषणों को मिलाकर करीब एक करोड़ रुपये लूट लिए। तभी से बदमाशों की धरपकड़ की जा रही थी।डकैती में शामिल आठ आरोपितों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपित परवेज उर्फ बाबा निवासी मोबिन नगर, समर गार्डन, फतेउल्लापुर थाना लिसाड़ीगेट, मेरठ वर्तमान निवासी खड्डा कालोनी, जैतपुर एक्सटेंशन, दिल्ली लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था।

एसएसपी के मुताबिक, परवेज की गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी। परवेज को गिरफ्तार करने के लिए उत्तराखंड पुलिस के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा आदि राज्यों की पुलिस व एसटीएफ भी काफी समय से प्रयासरत थी।विवेचना में यह भी जानकारी मिली कि परवेज उर्फ बाबा हमेशा डकैती की वारदात करने के बाद अन्य किसी राज्य में अपने पुराने मुकदमों में जमानत तुड़वाकर न्यायालय में आत्मसर्मपण कर देता था। जिस कारण उससे अभियोग की माल बरामदगी भी नहीं हो पाती थी और वह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था, जिस कारण उसे गिरफ्तार करना आसान नहीं था। आरोपित के खिलाफ डकैती, लूट, चोरी, हत्या के प्रयास के 19 मुकदमे दर्ज हैं।

एसएसपी के मुताबिक, परवेज की गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी। परवेज को गिरफ्तार करने के लिए उत्तराखंड पुलिस के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा आदि राज्यों की पुलिस व एसटीएफ भी काफी समय से प्रयासरत थी।

विवेचना में यह भी जानकारी मिली कि परवेज उर्फ बाबा हमेशा डकैती की वारदात करने के बाद अन्य किसी राज्य में अपने पुराने मुकदमों में जमानत तुड़वाकर न्यायालय में आत्मसर्मपण कर देता था। जिस कारण उससे अभियोग की माल बरामदगी भी नहीं हो पाती थी और वह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था, जिस कारण उसे गिरफ्तार करना आसान नहीं था। आरोपित के खिलाफ डकैती, लूट, चोरी, हत्या के प्रयास के 19 मुकदमे दर्ज हैं।एसएसपी ने बताया कि बाबा के छिपने के संभावित स्थानों की जानकारी जुटाते हुए एसटीएफ गिरफ्तारी के लिए दो माह से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, उत्तर प्रदेश व राजस्थान आदि स्थानों पर डेरा डाले हुए थी। टीम को जानकारी मिली थी कि परवेज उर्फ बाबा जयपुर में कहीं रह रहा है।

इस सूचना पर टीम ने जयपुर, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली आदि संभावित स्थानों पर दबिश दी तो पता चला कि वह इन स्थानों से कुछ दिन पहले ही जा चुका है। इस बीच पता चला कि वर्तमान में वह दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज के नीचे खजूरी खास में परिवार के साथ पहचान बदलकर रह रहा है। इसके बाद पुलिस टीम ने खजूरी खास जाकर खोजबीन की तो परवेज का परिवार मिल गया, मगर उसका पता नहीं चला।एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने भेष बदलकर उसके परिवार की विगत एक माह से अधिक निगरानी की, लेकिन फिर भी वह नहीं आया। फिर पता चला कि परवेज उर्फ बाबा का पिता आलमगीर बीमार हैं, जो मेरठ में घर पर हैं।सूचना मिली कि बाबा यहां अपने पिता से मिलने जरूर आएगा। इस पर पुलिस टीम ने मेरठ में उसके घर के आसपास डेरा डाल दिया। इसके बाद सूचना मिली कि परेवज उर्फ बाबा छह जनवरी को अपने पिता से मिलने के लिए मेरठ आ रहा है तो एसटीएफ ने बाबा को उसके घर से पहले ही अब्दुलापुर चौराहा, जेल रोड, मेरठ से गिरफ्तार कर लिया।डकैती में अब तक महबूब, मुनव्वर, शमीम, तहसीम कुरैशी, रियाज, नावेद, मेहरबान उर्फ बावला व वसीम उर्फ काला को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। डकैती में शामिल कुख्यात बदमाश नफीस उर्फ सपाटा अजीज ने गिरफ्तारी के डर से अदालत में सरेंडर कर दिया था।

डकैती में अब तक महबूब, मुनव्वर, शमीम, तहसीम कुरैशी, रियाज, नावेद, मेहरबान उर्फ बावला व वसीम उर्फ काला को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। डकैती में शामिल कुख्यात बदमाश नफीस उर्फ सपाटा अजीज ने गिरफ्तारी के डर से अदालत में सरेंडर कर दिया था।

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