- क्या है आर्टिकल 142, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट ने बिलकीस बानो केस में किया | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 8 जनवरी 2024

क्या है आर्टिकल 142, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट ने बिलकीस बानो केस में किया

  

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बिलकीस बानो मामले में दोषियों की स्वतंत्रता की सुरक्षा और उन्हें जेल से बाहर रहने देने की याचिका को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि जहां कानून का शासन लागू करने की आवश्यकता होती है, वहां करुणा और सहानुभूति की कोई भूमिका नहीं होती है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून के प्रभाव में लोगों का विश्वास कानून के शासन को बनाए रखने के लिए रक्षक और सहायक है.

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि न्याय सर्वोपरि है और समाज के लिए लाभकारी होना चाहिए. उसने कहा कि अदालतें समाज के लिए होती हैं और मामले में जरूरी कार्रवाई के लिए उन्हें इस अवसर पर सक्रियता दिखानी होगी.

पीठ ने कहा, "हम प्रतिवादी संख्या 3 से 13 (दोषियों) के पक्ष में उन्हें जेल से बाहर रहने की अनुमति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि यह कानून के शासन की अनदेखी करने के लिए इस न्यायालय के अधिकार का एक उदाहरण होगा और इसके बजाय उन लोगों की सहायता करेगा जो उन आदेशों के लाभार्थी हैं जो हमारे विचार में, अमान्य हैं और इसलिए कानून की नजर में गैर-स्थायी (अस्तित्व में नहीं) हैं."

सर्वोच्च न्यायालय किसी क़ानून के मूल प्रावधानों की अनदेखी नहीं कर सकता. संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अंतर्निहित शक्तियों को उन शक्तियों का पूरक होना चाहिए जो क़ानून द्वारा विशेष रूप से अदालतों/न्यायाधिकरणों को प्रदान की जाती हैं.

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को रद्द कर दिया और दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल भेजने का निर्देश दिया.

घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं. बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद 2002 में भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था. दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी. गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को सजा में छूट दे दी थी और उन्हें रिहा कर दिया था.

एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...