पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के आईफोन (iphone) चोरी हो गए. वो भी रोड पर दौड़ते ट्रक से. एकदम फिल्मी स्टाइल में चोरी हुई! ट्रक iphones को चेन्नई से कोलकाता ले जा रहा था. रास्ते में सारे फोन गायब हो गए.
GPS तकनीक से लैस था ट्रक
इंडिया टुडे से जुड़े राजेश साहा की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना पिछले साल 28 सितंबर की है. 26 सितंबर, 2023 को एक ट्रक 9.7 करोड़ रुपये के 1500 एप्पल आईफोन लेकर चेन्नई से निकला था. इसे कोलकाता पहुंचना था. जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी का ट्रक था, वो अपने ट्रकों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 'जीपीएस सिस्टम' का इस्तेमाल करती है. अगर कंपनी का ट्रक कहीं पांच मिनट से ज्यादा रुकता है, तो चेतावनी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस तक पहुंच जाती है. फिर तुरंत ड्राइवर से रुकने की वजह और जगह के बारे में पूछा जाता है.
जिस ट्रक से 1500 आईफोन जा रहे थे, उसने अगले दिन तीन राज्यों को पार करते हुए नेशनल हाईवे-6 से बंगाल में एंट्री की थी. कंपनी के ऑफिस को पता चला कि ट्रक 28 सितंबर, 2023 को सुबह छह बजे के आसपास पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नया बाजार इलाके के एक पेट्रोल पंप पर पांच मिनट से ज्यादा समय तक रुका. तुरंत ड्राइवर से संपर्क किया गया, लेकिन बार-बार फोन करने पर भी ट्रक ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 45 मिनट बाद पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा थाने में सूचना दी. पुलिस ने मौके पर जाकर ट्रक बरामद कर लिया. लेकिन, जब ट्रक खोला गया तो आईफोन गायब थे. ट्रक ड्राइवर भी वहां नहीं था. पुलिस ने पूछताछ की लेकिन उसे कुछ भी बरामद नहीं हुआ.
कैसे ट्रक से iPhones चोरी हुए?
इंडिया टुडे के मुताबिक 4 जनवरी, 2024 को हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. जस्टिस जय सेनगुप्ता ने मामला सुना. कोर्ट में ट्रांसपोर्ट कंपनी के वकील अपलक बसु ने कहा कि जब ट्रक चल रहा था उसी समय आईफोन चोरी हुए हैं. क्योंकि इससे पहले गाड़ी लंबे समय तक कहीं भी खड़ी नहीं रही. उनके मुताबिक बंगाल में प्रवेश के बाद कंपनी के ट्रक के साथ-साथ हाईवे पर एक और ट्रक चल रहा था. काफी समय तक दोनों ट्रक साथ-साथ चलते रहे. अपलक बसु का मानना है कि शायद इसी दौरान आईफोन ट्रक से चोरी हुए.
ट्रांसपोर्ट कंपनी के मुताबिक ये चोरी डेबरा इलाके में पड़ने वाले टोल प्लाजा से पहले हो गई. टोल प्लाजा पार करने के बाद ट्रक ड्राइवर और उसका साथी ट्रक छोड़ कर भाग गए. वकील अपलक बसु ने हाई कोर्ट को बताया कि चोरी हुए कई फोन मार्केट में पहुंच चुके हैं और कुछ चलाए भी जा रहे हैं. लेकिन, स्थानीय पुलिस को बार-बार कहने के बाद भी उसने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया बहुत ढ़ीला रहा और उसने घटना की एफआईआर तक 10 अक्टूबर को दर्ज की. इस मामले में अब तक किसी को अरेस्ट भी नहीं किया गया है. और इस तरह का रवैया देखने के बाद ही ट्रांसपोर्ट कंपनी हाईकोर्ट के पास पहुंची.
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता ने ट्रांसपोर्ट कंपनी की दलीलें सुनने के बाद आदेश दिया कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) की निगरानी में इस मामले की जांच की जाए. मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी.
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