उमेश पाल और उसके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की हत्या में वांछित चल रही जैनब फातिमा के बारे में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। पता चला है कि वह रियल एस्टेट कंपनी बनाने की तैयारी कर रही थी।
अपने भाई सद्दाम, जैद सहित अन्य के सहयोग से कंपनी की रूपरेखा बना रही थी।
कंपनी को ध्यान में रखते हुए ही अलग-अलग क्षेत्रों में जमीनों का सौदा किया जा रहा था। जैनब की योजना का पता चलने पर जेठानी शाइस्ता से अनबन भी हुई थी। पुलिस का कहना है कि आपरेशन ऑक्टोपस के तहत छानबीन के दौरान माफिया के परिवार की तमाम कारगुजारियां सामने आ रही हैं।
कुर्की के दौरान जैनब के घर से वसूली वाली पर्ची सहित कई और कागजात मिले हैं। इसमें में एक कागज ऐसा था, जिसमें कंपनी बनाने के लिए जरूरी अभिलेखों को संकलित करने सहित पूरा खाका तैयार किए जाने का जिक्र किया गया है।
अशरफ को लग गई थी भनक
सूत्रों का दावा है कि जैनब यह सब उस वक्त कर रही थी, जब अतीक और अशरफ सलाखों के पीछे थे। माफिया अतीक भी अलग-अलग नाम से कई कंपनी बनाकर प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त कर रहा था। तीन साल पहले प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर से मुकदमा लिखे जाने के बाद अशरफ को यह भनक लग गई थी कि कार्रवाई की जद में कंपनियां आ सकती हैं।
इसी आधार पर जैनब को दूसरे के नाम पर रियल एस्टेट कंपनी बनाने के लिए कहा गया था। इसमें जैनब का पूरा सहयोग उसके भाई, कुछ रिश्तेदार और माफिया के गुर्गे कर रहे थे। यह भी कहा गया है कि कंपनी के जरिए बेनामी जमीन की प्लाटिंग करके ऊंचे दाम पर बेचने और करोड़ों रुपये कमाने का लक्ष्य रखा गया था।
अशरफ के साले और मुतवल्ली की घेराबंदी तेज
वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा करने और कूटरचित कागजात तैयार कर बेचने के मामले में आरोपितों की घेरेबंदी तेज कर दी गई है। खासकर माफिया अशरफ के साले जैद, प्रधान सिबली और मुतवल्ली व उसकी बेगम के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की जा रही है। इसके साथ ही जैनब द्वारा जिन किसानों से जमीन ली गई थी, उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।
पुलिस का कहना है कि अब तक छानबीन में आरोपितों के विरुद्ध काफी साक्ष्य मिले हैं। धोखाधड़ी करने में किन-किन लोगों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका रही है, उसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है। साक्ष्यों का सत्यापन भी किया जा रहा है, ताकि अभियुक्तों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके।
राजस्व और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से भी रिपोर्ट ली जा रही है। ऐसे मकान और दुकान पर विधिक कार्रवाई के लिए पुलिस की ओर से पहले ही रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। यह भी कहा गया है कि हटवा में शेरवानी कालेज के पीछे करीब 10 हेक्टयेर से अधिक जमीन जैनब ने अपने भाईयों की मदद से ली थी।
मगर उनकी रजिस्ट्री नहीं करवाई गई। अब उन किसानों से पूछताछ करके जानकारी जुटाई जाएगी कि कितना पैसा मिला था और किसी तरह का दबाव तो नहीं बनाया गया था।
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