बिजली उपभोक्ताओं की तमाम शिकायतों में तो अफसर फंस ही रहे हैं। अब एक मामला बगैर ई-वे बिल दो गाड़ियों से ट्रांसफार्मर मेरठ से रामपुर भेजने और इन गाड़ियों को राज्य कर विभाग सचल दल द्वारा पकड़ लेने का सामने आया है।
अफसरों ने राज्यकर विभाग के सचल दल मुख्यालय में तमाम बहाने बनाए लेकिन 57 हजार का जुर्माना भरना पड़ा। तब जाकर ट्रांसफार्मरों से भरी गाड़ियां छूट पाईं।
मेरठ से रामपुर जा रहीं ट्रांसफार्मरों से भरी दो गाड़ियों को राज्यकर सचल दल ने पकड़ लिया था। गाड़ियों के चालकों से ई-वे बिल मांगा तो वह बिल नहीं दिखा पाए। बताया कि गाड़ी में मेरठ से ट्रांसफार्मर लोड हुए और बिजली अफसर इन्हें रामपुर भिजवा रहे थे। दोनों गाड़ियों को शास्त्रीनगर स्थित सचल दल मुख्यालय लाया गया। गाड़ियों के पकड़े जाने से पीवीवीएनएल मुख्यालय में खलबली मच गई। अधिशासी अभियंता गाड़ियों को छुड़वाने के लिए सचल दल मुख्यालय पहुंचीं और अधिकारियों से बात की। 57 हजार रुपये पेनल्टी जमा कराई गई। इसके बाद ट्रांसफार्मरों से भरी गाड़ियों को छोड़ा गया।
राज्यकर विभाग पहुंचकर यह दी सफाई
पीवीवीएनएल की ओर से अधिशासी अभियंता राज्यकर विभाग के एसआईबी मुख्यालय पहुंचे। यहां सचल दल प्रभारी से मिले और कहा कि ई-वे बिल जनरेट नहीं कर पाए थे। ट्रांसफार्मर लेकर गाड़ी चलाकर मेरठ से रामपुर निकल गए थे।
ई-वे बिल से किसी को छूट नहीं
एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए माल लेकर रवाना होने वाली गाड़ी के पास संबंधित माल का ई-वे बिल होना चाहिए। चाहें कोई सरकारी विभाग हो या प्राइवेट संस्था, व्यापारी या अन्य कोई भी। यदि कोई गाड़ी माल लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए रवाना हो रही है तो ई-वे बिल होना जरूरी है।
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