- लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में अखिलेश यादव, इस जिले से आजमाएंगे दांव, फिरोजाबाद और मैनपुरी की भी उम्मीदवारी तय | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में अखिलेश यादव, इस जिले से आजमाएंगे दांव, फिरोजाबाद और मैनपुरी की भी उम्मीदवारी तय

माजवादी पार्टी की ओर से अपनी वीआईपी सीटों भावी प्रत्याशियों के संकेत मिलने लगे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जबकि मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव को दुबारा उसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कन्नौज में कहा कि अखिलेश यादव कन्नौज से लड़ेंगे और उन्हें भारी बहुमत से जिताया जाएगा। शिवपाल ने कुछ समय पहले ही फिरोजाबाद जाकर अक्षय यादव की उम्मीदवारी का ऐलान किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अक्षय व शिवपाल यादव आमने-सामने थे। इस बार दोनों साथ हैं। खुद शिवपाल यादव के इस बार आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं।

धर्मेंद्र यादव यहां से पिछले उपचुनाव में लड़ कर भाजपा से हार चुके हैं। अब धर्मेंद्र यादव भी अपनी पुरानी सीट बदायूं से लड़ने को इच्छुक बताए जाते हैं। वैसे अखिलेश यादव ने कन्नौज के दौरे भी बढ़ा दिए हैं। शुक्रवार को भी वह कन्नौज में थे। अखिलेश ने अपना पहला लोकसभा चुनाव भी कन्नौज से लड़कर जीता था। वह उपचुनाव था। यह सीट यादव बाहुल्य मानी जाती है और सपा का पुराना गढ़ रही है लेकिन पिछली बार भाजपा ने सपा से यह सीट छीन ली थी। यहां भाजपा के सुब्रत पाठक ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को हराया था। बाद में डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव के न रहने पर मैनपुरी उपचुनाव में भारी मतों से जीत कर सांसद बनीं।

नाराज किसान इस बार भाजपा को आम चुनाव में सबक सिखाएगा : अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार किसानों की नहीं बड़े पूंजीपतियों की हमदर्द है। भाजपा सरकार को कंपनियों के बिचौलियों के मुनाफे की फिक्र है। सरकारी खरीद केन्द्रों पर किसानों के फसल की एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही है। किसान अपनी फसल को मजबूरन औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहा है। यही वजह है कि आज किसानों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। भाजपा सरकार की उपेक्षा से नाराज किसान 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार को सबक सिखाएगा। आक्रोशित किसान भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।

अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा से किसान बेहाल है। किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बनकर रह गयी है। भाजपा सरकार ने किसानों की आय दुगुना करने का वादा किया था लेकिन उसका वादा झूठ और हवाई साबित हुआ। भाजपा की केन्द्र और प्रदेश की सरकार अब किसानों की बात भी नहीं करती है।

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