- बाजीगर बने शिवराज- जब सबने मुंह मोड़ा, बने अश्वमेध का घोड़ा | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 4 दिसंबर 2023

बाजीगर बने शिवराज- जब सबने मुंह मोड़ा, बने अश्वमेध का घोड़ा


ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2023 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर पार्टी को जीत हासिल कराई है. इस चुनाव में भाजपा को 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि कांग्रेस के खाते में 66 सीटें गई हैं.प्रदेश में बीजेपी की इस बंपर जीत ने दिखा दिया कि शिवराज जमीनी नेता हैं और वह जानते हैं कि चुनाव किस तरह से लड़ा जाता है. सादगी के लिए जाने जाने वाले 64 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के सीहोर जिले के बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से 1 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की.मौजूदा मुख्यमंत्री ने इस बार के चुनावों में न केवल सत्ता विरोधी लहर को खत्म किया बल्कि यह सुनिश्चित किया कि भगवा पार्टी राज्य में सत्ता बरकरार रखेगी. शिवराज सिंह चौहान की जीत को कई लोग एक बाजीगरी के रूप में देख रहे हैं. क्योंकि चुनाव से पहले बीजेपी ने उन्हें साइड लाइन कर दिया था और शुरुआती दो लिस्ट में उनका नाम भी नहीं था. भाजपा के दिग्गज नेता भी उनसे किनारा कर रहे थे और प्रदेश में सीएम कैंडिडेट का नाम पूछे जाने पर चुप्पी साध लेते थे.

शिवराज सिंह चौहान ने नहीं हारी हिम्मत


इतना सबकुछ होने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत करते हुए लोगों के बीच जाना जारी रखा. शिवराज अकेले एक दिन में करीब 10 से ज्यादा सभाएं कर रहे थे, जबकि उनके विपक्षी कमलनाथ सिर्फ एक या दो सभा कर वापस लौट जाते थे. खींचतान के बीच इस चुनाव में भाजपा के पोस्टर में 12 चेहरे थे, जिनमें से चौहान भी एक थे, जबकि नरेंद्र मोदी बाकी चेहरों पर हावी रहे. पार्टी ने इस बार तीन केंद्रीय मंत्रियों और एक पार्टी महासचिव सहित कम से कम सात सांसदों को मैदान में उतारा.शिवराज को महिला मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय माना जाता है. महिलाओं के लिए उनकी सरकार की प्रमुख योजना लाडली बहना से उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई. शुरुआत में इस योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी, लेकिन अगस्त में इसे बढ़ाकर 1,250 रुपये कर दिया गया था. यह योजना सिर्फ चुनावी नहीं थी, क्योंकि शिवराज चौहान ने लंबे समय से खुद को राज्य में महिलाओं के भाई के रूप में पेश किया है.


शिवराज की जीत के कारण


उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने प्रभावी ढंग से पेश किया. उन्होंने अपने कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को जनता के सामने रखा और यह भी दिखाया कि उनकी सरकार ने जनता के लिए क्या-क्या किया है. शिवराज सिंह चौहान ने जनता के बीच अपनी अच्छी छवि बनाई है. उन्होंने चुनाव में एक मजबूत रणनीति तैयार की थी.इस साल की शुरुआत यानी 1 जनवरी से लेकर 15 नवंबर को चुनाव प्रचार खत्म होने तक चौहान ने करीब 1,000 कार्यक्रमों को संबोधित किया. एक दिन में लगभग तीन सभाएं. 9 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद शिवराज ने लगभग 37 दिनों में राज्य भर में 165 रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने प्रति दिन 8-10 रैलियों को संबोधित किया, कुछ दिनों में यह संख्या 12-13 तक भी पहुंच गई.

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