अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने महोत्सव में आमंत्रित अतिथियों से संवाद करने के लिए हिंदी, गुजराती, अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं के विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की है।
ईमेल या व्हाट्सऐप से डिटेल मांगी जा रही है
मंगलवार से अतिथियों से बातचीत का क्रम शुरू हो गया है. सभी से 20 जनवरी को दिन में या 21 जनवरी की सुबह हर हाल में पहुंचने का अनुरोध किया जा रहा है. इसके अलावा सभी मेहमानों से उनकी यात्रा की जानकारी मांगी जा रही है. अतिथि इसे ईमेल या व्हाट्सएप पर भेजेंगे। इसी आधार पर उनके आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जायेगी। इन सभी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुबह 10 बजे राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचना होगा.
एक विशेषज्ञ 300-500 मेहमानों से बातचीत करेगा
ट्रस्ट ने उत्तर भारतीय मेहमानों से बातचीत करने के लिए लगभग सात से आठ हिंदी भाषी विशेषज्ञों को तैनात किया है। देश के पूर्वोत्तर और दक्षिणी भाग से आमंत्रित अतिथियों के साथ बातचीत करने के लिए अंग्रेजी भाषा के विशेषज्ञ भी हैं। कुछ विशेषज्ञों को बात करने के लिए 300 तो कुछ को 500 मेहमानों की सूची दी गई है। इसमें देश के प्रतिष्ठित संत, महंत, खिलाड़ी, फिल्मी सितारे, वैज्ञानिक, लेखक, कवि और कलाकार हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जन्मभूमि परिसर में आठ हजार कुर्सियां लगाई जाएंगी.
संवाद की शुरुआत जय श्री राम के अभिवादन से होती है
मेहमानों को बुलाने के बाद यहां से विशेषज्ञ जय श्रीराम के साथ बातचीत शुरू करते हैं। अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बारे में बताया जाता है. बातचीत के दौरान सिर्फ 30 फीसदी मेहमान ही फोन पर बात कर पाए हैं. यह क्रम दो से तीन दिन तक चलेगा।
साथ ही एक खास मेहमान जिन्होंने एक करोड़ रुपये का दान दिया
मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक का दान देने वालों को भी आमंत्रित किया गया है. उन्हें भी बुलाया गया. ट्रस्ट यहां सभी को आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराएगा। प्रति निमंत्रण पत्र पर एक अतिथि को व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी। 21 जनवरी को दोपहर से रामनगरी की सुरक्षा बेहद कड़ी होगी।
प्राण प्रतिष्ठा में 50 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विदेशी गणमान्य लोग भाग लेंगे। इन सभी के स्वागत के लिए लखनऊ को बेस कैंप बनाया गया है. इन सभी के समन्वय के लिए विदेश में काम कर चुके एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है, जो इनके अयोध्या पहुंचने तक देखभाल करेगा. प्राण प्रतिष्ठा समिति में आवास व्यवस्था से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि 50 देशों से एक-एक प्रतिनिधि यहां आयेंगे.
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