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बुधवार, 6 दिसंबर 2023

ड्रग बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, सोशल मीडिया, डिलीवरी ऐप्स के जरिए करते थे सप्लाई, 6 गिरफ्तार

 

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 6 लोगों की गिरफ्तारी के साथ, सोशल मीडिया और डिलीवरी ऐप्स के जरिए शहर एवं उसके आसपास के इलाकों में छात्रों को ड्रग की सप्लाई करने वाले एक अंतरराज्यीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने का दावा किया है।

आरोपियों की पहचान रुद्रांश गुप्ता, लक्ष्य भाटिया, गिरिक अग्रवाल, नोंगमैथम जशोबंता सिंह, थियाम रबीकांत सिंह और खालिद जफर के रूप में की गई। यह 'पोर्टर' और 'वीफास्ट' जैसे डिलीवरी ऐप के जरिए ड्रग पहुंचाते थे।

पहले ऑपरेशन में, दिल्ली में डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स (मोती नगर) के एक घर से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हाई गुणवत्ता वाले गांजा की सप्लाई करने में लगे पूर्वोत्तर क्षेत्र के एक ड्रग सिंडिकेट के बारे में विशिष्ट इनपुट प्राप्त हुआ था। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा, "जानकारी से पता चला कि गांजा को मणिपुर और शिलांग से ट्रेन द्वारा और जैविक (ऑर्गेनिक) गांजा को थाईलैंड के फुकेत से हवाई मार्ग से ले जाया जा रहा था।"

टीम ने छापेमारी कर नोंगमैथम जशोबंता सिंह और थियाम रबीकांता सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वे गांजा को मणिपुर से सड़क के रास्ते दीमापुर और फिर ट्रेन से दिल्ली और ऑर्गेनिक गांजा को फ्लाइट के जरिए पहुंचाते हैं।

उन्होंने आगे खुलासा किया कि उन्होंने रुद्रांश गुप्ता नाम के अपने एक सहयोगी को गांजा की सप्लाई की थी। आरोपी नोंगमैथम जशोबंता सिंह के कहने पर, उसके साथी और सह-सहयोगी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया और उसके घर से 2.78 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। रवींद्र सिंह यादव ने कहा, ''पूछताछ के दौरान रुद्रांश गुप्ता ने खुलासा किया कि वह पिछले दो वर्षों से ड्रग के अवैध कारोबार में शामिल था। उसने मिजोरम के जशोबंता और चकमा से गांजा की डिलीवरी ली थी।

स्पेशल सीपी ने कहा, ''गुप्ता विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए अपने ग्राहकों के संपर्क में था। वह इन प्लेटफार्मों पर अपने ग्राहकों से ऑर्डर लेता था और 'पोर्टर', 'वीफास्ट' आदि सेवाओं के माध्यम से डिलीवरी करता था। उसने अपने बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से पैसे लिए। एक अन्य ऑपरेशन में भाटिया, अग्रवाल और जफर को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से 15 ग्राम एमडीएमए और 1,200 ग्राम जैविक गांजा बरामद किया गया।

भाटिया ने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगी गिरीक अग्रवाल के साथ विश्वविद्यालय के छात्रों को ड्रग की आपूर्ति करता था। भाटिया के कहने पर, एक सह-सहयोगी अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया था। भाटिया अग्रवाल के जरिए ड्रग इकट्ठा करता था। स्पेशल सीपी ने कहा, "छापेमारी की गई और तस्करी के मुख्य स्रोत और गिरोह के मास्टरमाइंड जफर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।"

भाटिया और जफर एक-दूसरे से नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी में मिले थे। दोनों नशे के आदी हैं। बाद में वे कॉलेज के छात्रों को ड्रग की सप्लाई के व्यवसाय में शामिल हो गए। भाटिया, ड्रग खरीदने के बाद, दिल्ली में एनएसयूटी और नोएडा में एमिटी यूनिवर्सिटी जैसे विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए अपने ग्राहकों को सप्लाई करता था।

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