अक्सर कहा जाता है कि लालच बुरी बला. लालच करने का परिणाम अक्सर बुरा होता है. ये जानते हुए भी लोग लालच करते हैं. यही लालच ठगों का सबसे बड़ा हथियार है. लालच देकर वो लोगों को अपनी जाल में फंसा लेते हैं.
पीड़िता को जब महसूस हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है, तो उसने अपने पिता को सारी बातें बताई. पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस इस मामले की जांच में लगी हुई है. ठगी की ये वारदात फिरोजाबाद के थाना दक्षिण इलाके के नंदराम चौक नई बस्ती की रहने वाली बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा सृष्टि जैन के साथ घटी है. उसके पिता शहर के नामी डॉक्टर हैं. इतना ही नहीं यूपी पुलिस के मिशन शक्ति के तहत नवरात्रि में उसे एक दिन के लिएसीओ सिटी बनाया गया था.
जानकारी के मुताबिक, छात्रा को साइबर अपराधियों ने उसे कमाने का लालच दिया था. उससे कहा गया था कि उसके पैसे डबल-ट्रिपल कर दिए जाएंगे. इसके लिए उसे कुछ पैसे ऑनलाइन एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने होंगे. उसके बाद बढ़ी हुई रकम उसे वापस कर दी जाएगी. ऑन लाइन कंपनी के झांसे में आकर छात्रा ने उनके अकाउंट में पहले 200 रुपे डाले, जिसके बाद रकम बढ़ाकर उसके वापस कर दिया गया. इसके बाद वो लालच में आ गई. उसे फिर 3000 रुपए डाले. वो बढ़कर वापस आ गया.
इसके बाद बीएससी की छात्रा सृष्टि जैन साइबर ठगों की जाल में फंस गई. उसने पहले 30 हजार, फिर 65 हजार रुपए उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. इतने पैसे डालते ही साइबर ठगों ने उससे संपर्क तोड़ लिया. पैसे भी वापस नहीं आए. छात्रा को समझ में आ गया कि वो ठगी जा चुकी है. साइबर सेल के प्रभारी संजय पांडे ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस लगातार लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करती रहती है. किसी को भी एटीएम पिन, ओटीपी या बैंक अकाउंट डिटेल नहीं देना चाहिए.
तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम, अपने घर में भी असुरक्षित हैं महिलाएं
बताते चलें कि फिरोजाबाद में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार जिले में हर आठ घंटे में एक शख्स साइबर क्राइम का शिकार हो रहा है. साइबर की मने तो, पिछले साल 6 महीने के अंदर 550 साइबर क्राइम के केस दर्ज किए गए थे. इनमें से 350 केस का निस्तारण हो सका था. पुलिस का मानना है कि फिरोजाबाद हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर स्थित होने की वजह से साइबर क्रिमिनलों का आसानी से शिकार बन रहा है. इससे निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के जरिए दावा किया गया है कि साल 2021 के मुकाबले 2022 में साइबर क्राइम में तेजी देखी गई है. पुलिस के सामने साइबर अपराध एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है. साल 2022 में साइबर क्राइम के 65893 मामले देश भर में दर्ज किए गए हैं. साल 2021 में 52974 मामले दर्ज किए गए थे. इस तरह एक साल के दौरान साइबर अपराध में 24.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें करीब 65 फीसदी मामले धोखाधड़ी के हैं. यानी 65893 मामलों में 42710 धोखाधड़ी के मामले हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो साइबर अपराध के मामले साल 2021 के मुकाबले 2022 में दोगुने हो गए हैं. एनसीआरबी के मुताबिक, ऐसे मामलों की संख्या 2021 में 345 से बढ़कर 2022 में 685 हो गई है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि साल 2020 में साइबर अपराध के केवल 166 मामले दर्ज हुए थे. इन आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि देश में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से उपर जा रहा है. पुलिस साइबर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है. साइबर थाने स्थापित किए जा रहे हैं.
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