राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहने वाले 28 वर्षीय दुष्यंत शर्मा को डेटिंग ऐप टिंडर पर एक गलत राइट स्वाइप की कीमत अपनी जान से चुकानी है. झूठ, फरेब और फिर हत्या की यह कहानी फरवरी 2018 में शुरू हुई थी, जब कारोबारी दुष्यंत की 28 वर्षीय दुष्यंत शर्मा की टिंडर ऐप पर 27 साल की प्रिया सेठ से मुलाकात हुई. धीरे-धीरे उनके बीच बातचीत बढ़ने लगी और प्यान परवान चढ़ने लगा.
हालांकि दुष्यंत की जिंदगी में चल रहा यह रूमानी पल कुछ और नहीं, बल्कि झूठ के सहारे बुना गया मायाजाल था. एक तरफ तो प्रिया ने बस दुष्यंत का अपहरण करने और उससे पैसे ऐंठने के लिए ही बातचीत शुरू की थी. वहीं दूसरी ओर, दुष्यंत खुद शादीशुदा था और उसने विवान कोहली नाम से टिंडर पर अकाउंट बना रखा था. यहां उसने खुद दिल्ली के एक अमीर युवक के रूप में खुद को पेश कर रखा था.
झूठ और फरेब की कहानी
टिंडर ऐप पर करीब तीन महीने तक दोनों के बीच बातचीत का दौर चलता रहा और दोनों ही तरफ से लगातार झूठी कहानियां गढ़ी जाती रहीं. फिर मई 2018 में एक दिन दोनों ने वर्चुअल वर्ल्ड छोड़कर आमने-सामने मिलने का फैसला किया.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रिया ने दुष्यंत को अपने किराए के घर पर मिलने बुलाया, जहां झूठ की बुनियाद पर खड़ी इस प्रेमी कहानी का खौफनाक अंजाम निकला.
दुष्यन्त के प्रिया के घर में घुसने के तुरंत बाद उनके दोनों झूठ का पर्दाफाश हो गया. यहां प्रिया ने अपने दो साथियों- दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया की मदद से दुष्यंत का अपहरण कर लिया.
इसके बाद जब उन अपहरणकर्ताओं ने दुष्यंत के परिवार को कॉल करके 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी, तब उन्हें एहसास हुआ कि 'दिल्ली का कारोबारी' उतना अमीर नहीं, जितना उसने दावा किया था.
फिरौती की इस कॉल के बाद दुष्यंत के पिता ने अपने बेटे के खाते में 3 लाख रुपये जमा किए. जिसके बाद आरोपी ने पीड़ित के डेबिट कार्ड का उपयोग करके जयपुर के नेहरू उद्यान के पास एक एटीएम से 20,000 रुपये निकाल लिए.
इस बीच अपहरणकर्ताओं को अपना जुर्म उजागर होने का डर भी सता रहा था. ऐसे में उन्होंने दुष्यन्त पर कई बार चाकू से वार कर और तकिए से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी. फिर उन्होंने उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें एक सूटकेस में भर दिया और उसे दिल्ली रोड पर फेंक दिया.
अपराधियों को मिली उम्रकैद की सजा
उस वारदात के पांच साल बाद जयपुर की एक अदालत ने प्रिया, दिक्षांत और लक्ष्य को दुष्यंत की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. शुक्रवार को अपने आदेश में सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगर ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं.
सबूतों के आधार पर, अदालत ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (जबरन बंधक बनाना), 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को मिटाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
पुलिस के मुताबिक, सेठ और कामरा का आपराधिक इतिहास रहा है. एटीएम मशीन तोड़ने के आरोप में उसे 2014, 2016 और 2017 में तीन बार गिरफ्तार किया गया था, जबकि कामरा को एक बार मुंबई में गिरफ्तार किया गया था.
टिंडर मर्डर डॉक्यूमेंट्री
मई 2018 में यह मामला सामने आने के बाद, पत्रकार दीपिका नारायण भारद्वाज ने उसी साल जुलाई में एक डॉक्यूमेंट्री के लिए दुष्यंत के पिता और तीन आरोपियों से बातचीत की थी. डॉक्यूमेंट्री के लिए दिए वीडियो इंटरव्यू में प्रिया मुस्कुराते हुए सहजता से, दुष्यंत के अपहरण और हत्या से पहले हजारों पुरुषों को ब्लैकमेल करने के बारे में बात करती दिखती है.
वह कहती हैं, 'मैं उन लोगों के पास जाती थी और पैसे लेती थी, उसके बाद मैं उन्हें यह कहकर बाहर जाती थी कि मुझे ड्राइवर को पैसे देने हैं और फिर उनके पैसे लेकर रफूचक्कर हो जाती थी.'
उसने हत्या के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें यह तथ्य भी शामिल था कि तीनों ने फिरौती के लिए उसके पिता को फोन करने से पहले ही दुष्यंत की हत्या कर दी थी.
उसने घटनाओं का क्रम बताते हुए कहा, 'पहले दीक्षांत ने उसका गला दबाया, लेकिन वह बच गया, फिर लक्ष्य ने तकिए से उसका मुंह दबा दिया, लेकिन वह फिर भी बच गया. फिर लक्ष्य ने एक चाकू मांगा, जिससे उसने दुष्यन्त को मौत के घाट उतार दिया.' हालांकि, उसके साथी लक्ष्य का दावा है कि, वह प्रिया ही थी, जिसने सबसे पहले दुष्यन्त को चाकू मारा था.
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