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शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

Meerut:-योजनाओं का लाभ उठाए और टैक्स जमा करें होटल,रेस्टोरेंट,बैंकट हॉल संचालक:हरिनाथ सिंह


मेरठ-अपर आयुक्त ग्रेड-1 राज्य कर हरिनाथ सिंह ने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट, बैंकट हॉल संचालकों को राज्य कर विभाग की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ ही समय पर कर का भुगतान भी करना चाहिए।

मंगल पाण्डेय नगर स्थित राज्य कर विभाग में शुक्रवार को होटल, रेस्टोरेंट, बैंकट हॉल संचालकों के साथ राज्य कर अधिकारियों ने बैठक की। बैइक में जीएसटी को लेकर व्यापारियों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपर आयुक्त ग्रेड-1 हरिनाथ सिंह ने कहा कि छोटे व्यापारियों के लिए समाधान योजना संचालित है। मगर इस योजना में वही व्यापारी आते हैं, जिनका सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपए होता है। इससे अधिक टर्नओवर होने पर सामान्य व्यापारी की तरह टैक्स अदा किया जाता है। उन्होंने कहा कि 1.50 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाले समाधान योजना में पजीकृत होटल, रेस्टौरेंट एवं बैंकट हॉल के व्यापार से जुड़े बड़े व्यापारी एक माह के अन्दर समाधान योजना से बाहर आकर सामान्य योजना में आ जाए। ऐसा नहीं करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध नियमानुसार जांच की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी होटल, रेस्टौरेंट एवं बैंकट हॉल व्यापारी बिक्री का शत प्रतिशत बिल जारी करें। इस दौरान व्यापारियों को गत वर्ष से 30 प्रतिशत बढ़ा कर टैक्स जमा करने के निर्देश दिए गए।



बैठक में उपायुक्त प्रशासन विक्रम अजीत ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में तुलना की जाए तो मेरठ जोन के होटल, रेस्टोरेंट एवं बैंकट हॉल व्यवसाय की वृद्धि दर इटावा जोन एवं सहारनपुर जोन जैसे छोटे जोनो से भी कम है। जबकि दिल्ली, गाजियाबाद से सीधे जुड़े मेरठ जोन की ग्रोथ रेट बेहतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ व्यापारी डेढ़ करोड़ के टर्नओवर से अधिक का व्यापार करते हैं, परन्तु वे गलत तरीके से समाधान योजना लिए हुए हैं, जिससे राज्य कर विभाग को नियमानुसार टैक्स प्राप्त नहीं हो पा रहा है। 

उन्होंने बताया कि समाधान योजना में जहां एक तरफ 5 प्रतिशत कर की देनदारी होती है, वहीं सामान्य योजना में कर की दर 12 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत तक है। समाधान से बाहर आने पर मिठाईयों पर 5 प्रतिशत, नमकीन पर 12 प्रतिशत, कोल्ड ड्रिंक्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी एवं 12 प्रतिशत सेस तथा फ्रूट जूस पर 18 प्रतिशत जीएसटी की देनदारी होती है जबकि व्यापारी कर से बचने के लिए समाधान योजना में रहकर टर्नओवर कम प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने बताया कि जांच में बिक्री के बिलों में त्रुटि, पैकिंग मैटीरियल की खरीद आदि के रखरखाव में त्रुटि सामने आ रही है तथा कुछ फर्माें द्वारा गलत आईटीसी क्लेम करने के मामले भी प्रकाश में आये हैं। जांच पर ऐसे तथ्य भी सामने आये हैं कि व्यापारी रिटर्न में शून्य कर घोषित करते हैं जबकि उनके व्यापार स्थल की रेकी पर बिक्री पाई गई। बैठक में होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा व्यापार में आने वाली परेशानियों को सामने रखा। उन्होंने विभाग से व्यापारियों के हित में कदम उठाने की अपील की। कार्यक्रम में मनोज गुप्ता, सुबोध गुप्ता, विपुल सिंघल, संयुक्त आयुक्त दिनेश वर्मा, संयुक्त आयुक्त सुजीत जायसवाल, उपायुक्त सुजाता सिंह आदि उपस्थित रहे।



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