मेरठ-मंगल पांडे नगर स्थित राज्य कर विभाग कार्यालय पर राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ होटल, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हाल कारोबारियों की बैठक हुई। कारोबारियों ने पूर्व में भेजे गए नोटिस रद्द करने की मांग की।
शुक्रवार को बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर आयुक्त ग्रेड -1 हरिनाथ सिंह और उपायुक्त प्रशासन विक्रम अजीत सिंह ने कारोबारियों की समस्याएं सुनी। मेरठ मंडप संगठन के महामंत्री विपुल सिंघल ने जीएसटी विभाग द्वारा 2017-18 में दिए गए नोटिस को रद्द करने की बात कही। बताया कि 2017 में जब जीएसटी लागू हुआ था तब होटल, रेस्टोरेंट पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई थी। आईटीसी क्लेम की सुविधा बंद कर दी थी। इसके बाद कारोबारियों ने आईटीसी क्लेम करना बंद कर दिया। जीएसटी विभाग द्वारा नोटिस दिए गए कि आप आईटीसी क्लेम क्यों नहीं कर रहे हो।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2017-18 के सितंबर में कंप्यूटर प्रणाली खराब होने के कारण रिटर्न दाखिल नहीं हो पाया, जो अक्तूबर में एक साथ दो महीने का रिटर्न दिया गया। उस पर भी विभाग ने आपत्ति लगाई है। दोनों प्रकार के नोटिस को रद्द किया जाए ताकि व्यापारियों का उत्पीड़न ना हो।
उन्होंने बताया कि टेंट कारोबारियों पर 18 प्रतिशत टैक्स वसूला जा रहा है जबकि कैटरिंग पर 5 प्रतिशत टैक्स है। मंडप में जगह लेकर अथवा टेंट लगाकर कोई व्यक्ति अपनी पुत्री का विवाह करता है तो उससे पांच प्रतिशत के स्थान पर 18 प्रतिशत टैक्स लिया जाना न्याय संगत नहीं है।
मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि मेरठ में मंडप, होटल, रेस्टोरेंट की तादाद ज्यादा होने के कारण प्रति व्यक्ति जितना टैक्स पिछले वर्षों में जमा किया जा रहा था, उतना टर्नओवर भी वह नहीं कर पा रहा है। इस मौके पर चेयरमैन सुबोध गुप्ता, कोषाध्यक्ष नवीन अग्रवाल, गिरीश मित्तल, अनुज मित्तल, सुदीप अग्रवाल, विपुल त्यागी, विनीत गुप्ता, राजेन्द्र सिंघल, अमन अहलावत आदि मौजूद रहे।
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