मेरठ के लोहियानगर विस्फोट में पांच लोगों की मौत के मामले में चार विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने जांच में लीपापोती की है। एनजीटी अब अधिकारियों पर जुर्माना भी लगा सकती है। जांच रिपोर्ट देखने पर एनजीटी ने नाराजगी जताई और चार विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारी द्वारा नोटिस जारी करने की बात कही है।
विस्फोट में मरने वाले पांच लोगों के परिजनों को आर्थिक मुआवजे की भी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने चारों विभाग के अधिकारियों को चिट्ठी भेजने की बात कहीं है।
लोहियानगर में 17 अक्तूबर को हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई थी। जिलाधिकारी द्वारा एडीएम सिटी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराई। जिसमें सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा, सहायक निदेशक कारखाना, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, उपायुक्त उद्योग, एसपी सिटी सहित आठ विभाग अधिकारी शामिल रहे। उक्त विभाग के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा और जांच रिपोर्ट सौंपी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनकी जिम्मेदारी के बारे में बताया था। जिसमें फैक्टरी में भूतल पर प्लास्टिक वर्क की मशीनें लगी थी। बिना मानक पूरा करे प्रथम तल पर निर्मित सामान की फिनिशिंग डाई, पैकेजिंग का काम होता था। फैक्टरी में 9 केवी का इंडस्टि्रयल कनेक्शन था। कनेक्शन को पहले वहां पर इम्पेलर सबमर्सिबल पानी उठाने के लिए कहा था, जहां भूतल पर इसको साबुन फैक्टरी में तब्दील कर दिया।
सायन से भरे दो ड्रम मोबिल ऑयल के दो प्लास्टिक का सामान बनाने वाली मशीनें, पुरानी ऑफसेट मशीन, प्लास्टिक की प्लेट मिली थीं। लोहिया नगर आवासीय क्षेत्र है, जहां पर फैक्टरी चल रही थी। अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी द्वारा भौतिक निरीक्षण किया गया, बावजूद आवासीय क्षेत्र में औद्योगिक संयोजन कैसे दे दिया गया व विद्युत सुरक्षा को उक्त की सूचना तक नहीं दी थी। पांच लोगों की मौत के मामले में पुलिस और प्रशासन की लेटलतीफ कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर एनजीटी ने जवाब तलब किया था।
बृहस्पतिवार को एनजीटी की वर्चुअल बैठक में डीएम-एसएसपी सहित कई अधिकारी पेश हुए और अपना जिला प्रशासन द्वारा अपना पक्ष रखा। अन्य विभाग के अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दिए है। एनजीटी ने मेडा के वीसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, साबुन गोदाम के संचालक आलोक रस्तोगी और फैक्टरी के संचालक गौरव गुप्ता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि चारों विभाग को फिर से चिट्ठी भेजी जाएगी। मृतकों और घायलों को मुआवजे की रिपोर्ट जिलाधिकारी एनजीटी में सौंपेंगे।
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