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बुधवार, 8 नवंबर 2023

क्या है कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1, जिससे साइंटिस्ट हो रहे हैरान परेशान


 न्यूयॉर्क. वैज्ञानिक एक नए कोविड-19 वेरिएंट को लेकर बेहद परेशान हैं, जिसमें वैक्सीन प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) से बचने की ताकत है. नए सार्स-कोव-2 वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) की पहचान शुरुआत में 25 अगस्त, 2023 को लक्ज़मबर्ग में की गई थी.

इसके बाद, यह इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पाया गया. एक्सबीबी.1.5 और एचवी.1 जैसे कोरोना के दूसरे वेरिएंट के मुकाबले जेएन.1 कहीं ज्यादा अलग है और इसी वजह से यह वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित वैक्सीन बूस्टर ज्यादातर एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट को टारगेट करते हैं. हालांकि, एचवी.1 जो ज्यादा पुराना वेरिएंट नहीं है, में पहले की तुलना में कुछ अंतर है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएन.1, जिसे चालाक स्ट्रेन माना जाता है, एक ही वंश से होने के बावजूद बहुत अलग है.

विशेष रूप से, एचवी.1 वेरिएंट में दस अतिरिक्त अद्वितीय उत्परिवर्तन (Unique Mutations) थे. एक्सबीबी.1.5 के विपरीत, जेएन.1 में 41 अधिक विशिष्ट उत्परिवर्तन हैं. स्पाइक प्रोटीन जेएन.1 के अधिकांश परिवर्तनों को दिखाता है, जो संभवतः प्रतिरक्षा से बचाव (Immune Evasion) और संक्रामकता में वृद्धि से संबंधित हैं. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इसका मतलब शायद यह हो सकता है कि मौजूदा टीके वायरस को फैलने से रोकने में काम नहीं करेंगे.

न्यूयॉर्क के बफ़ेलो विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के प्रमुख डॉ. थॉमस रूसो के हवाले से टीओआई ने कहा, "इसके स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन (Mutation) के कारण, जेएन.1 अपने ओरिजिन की तुलना में प्रतिरक्षा (Immune) से बहुत अधिक बच निकलने वाला लगता है, जिससे यह काफी चालाक हो जाता है. परिणामस्वरूप, हमें अधिक संक्रमण होने का खतरा हो सकता है."

2021 में, जब कोविड-19 महामारी शुरू ही हुई थी, स्पाइक प्रोटीन में ये अंतर देखा गया था. विशेष रूप से सार्स-कोव-2 के अल्फा और बीटा वेरिएंट्स में. डॉ रूसो ने आगे कहा, "कुछ आंकड़े हैं जो इस तरफ इशारा करते हैं कि जेएन.1 के मूल बीए.2.86 पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकते हैं." वैज्ञानिकों ने कहा कि जेएन.1 में उनका दोबारा उभरना भी उल्लेखनीय है.

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को भरोसा है कि नया वेरिएंट वैक्सीन इम्यूनिटी से बच नहीं पाएगा. सीडीसी द्वारा यह विश्लेषण डेटा पर आधारित है, और विश्लेषण की संघीय सरकार के सार्स-कोव-2 इंटरएजेंसी ग्रुप द्वारा फिर से पुष्टि की गई थी.

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