H9N2 एक तरह का वायरस है. जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. फिर इसका ट्रांसमिशन इंसानों में होता है. डॉक्टरों का कहना है कि H9N2 इन्फ्लूएंजा की ही सब टाइप है. जो इंसानों में भी फैलता है.
H9N2 वायरस जंगली पक्षियों में पाया जाता है. पक्षियों से इसका ट्रांसमिशन इंसानों में भी होता है. हालांकि इंसानों में इसके ट्रांसमिशन की दर कम है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वालों को यह आसानी से शिकार बना देता है. इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं. कुछ मामलों में सांस की बीमारी भी हो सकती है.
बन रहा है निमोनिया का कारण
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि एच9एन2 वायरस से खांसी -जुकाम और हल्का बुखार होता है, लेकिन कुछ मामलों में ये लंग्स को भी नुकसान पहुंचा देता है. ऐसे में हो सकता है कि चीन में निमोनिया के मामले बढ़ने का कारण एच9एन2 वायरस हो, हालांकि अभी इस बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन ये जरूर है कि चीन में ये वायरस तेजी से फैल रहा है.
कहां से आया है एच9एन2
डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि इस वायरस का पहला केस 1966 में अमेरिका में रिपोर्ट किया गया था. इसका पहला केस जंगली पक्षी में आया था. कुछ सालों बाद इंसानों में भी इसके संक्रमण के केस आए थे. 1988 में इंसानी संक्रमण का पहला केस आया था. इसके बाद भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश समते कई देशों में इस वायरस के केस आए थे. हर साल मामले अभी भी आते हैं, लेकिन इससे लक्षण गंभीर नहीं होते हैं, हालांकि चीन में इतनी तेजी से सांस की बीमारियां क्यों बढ़ रही है इसके बारे में जानकारी सामने आना जरूरी है.
संक्रामक है निमोनिया
डॉ जुगल किशोर कहते हैं कि निमोनिया संक्रामक और गैर संक्रामक दोनों होता है. सांस की परेशानी के साथ अगर तेज बुखार है तो ये संक्रामक निमोनिया की बीमारी है. चीन में यही निमोनिया फैल रहा है. यही कारण है कि बच्चे इतनी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं.
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