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मंगलवार, 28 नवंबर 2023

'या तो कुरान या संविधान, नहीं तो देश से निकलें मुसलमान', नीदरलैंड के संभावित प्रधानमंत्री का बड़ा ऐलान


 नीदरलैंड में चुनावी जीत हासिल करने वाले धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट विल्डर्स ने उन मुसलमानों से देश छोड़ने के लिए कहा है, जो कुरान को देश के कानून से ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं।

नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी (पीवीवी) के नेता गीर्ड वील्डर्स, जो नीदरलैंड के अगले प्रधान मंत्री हो सकते हैं, उन्हें एक असत्यापित वीडियो में ऐसा कहते हुए सुना गया था।

हालांकि, गीर्ट विल्डर्स के इस वीडियो ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। खासकर यूरोप है, जहां के कई देशों में एंटी-मुस्लिम नेता चुनावी सफलता हासिल कर रहे हैं और देश के शीर्ष पद पर पहुंच रहे हैं। आपको बता दें, कि गीर्ट विल्डर्स नीदरलैंड के वो नेता हैं, जिन्होंने खुलकर नुपूर शर्मा का साथ दिया था।

गीर्ट विल्डर्स का विवादित वीडियो वायरल

वायरल हो रहे वीडियो में उन्हें कथित तौर पर कहते सुना जा रहा है, कि "मेरे पास नीदरलैंड के सभी मुसलमानों के लिए एक संदेश है, जो हमारी स्वतंत्रता, हमारे लोकतंत्र और हमारे मूल मूल्यों का सम्मान नहीं करते हैं, जो कुरान के नियमों को हमारे धर्मनिरपेक्ष कानूनों से ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं।"

गीर्ट विल्डर्स आगे कहते हैं, कि "उनमें से बहुत सारे हैं। प्रोफेसर कोम्पैन्स के शोध से पता चलता है, कि 7 लाख ऐसे मुसलमान हैं। और, मेरा उन्हें संदेश है, बाहर निकलो! किसी इस्लामिक देश के लिए निकल जाओ। फिर, आप इस्लामी नियमों का आनंद ले सकते हैं। ये उनके नियम हैं, लेकिन हमारे नहीं।"

आपको बता दें, कि वील्डर्स ने पहले एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा था, कि "आज, कल या परसों, पीवीवी सरकार का हिस्सा होगी और मैं इस खूबसूरत देश का प्रधान मंत्री बनूंगा।"

प्रधानमंत्री बन सकते हैं गीर्ट विल्डर्स

वील्डर्स ने सरकार बनाने के लिए अपने पदों को समायोजित करने की अपनी तत्परता की घोषणा की है। हाल के चुनाव में उनकी पार्टी के सबसे अधिक सीटें जीतने के बावजूद, पीवीवी के पास डच संसद में केवल 25% सीटें होने का अनुमान है, जिससे शासन के लिए अन्य दलों के साथ सहयोग की आवश्यकता होगी।

डच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सदन के नए नेता दिलन येसिलगोज़ के नेतृत्व में कंजर्वेटिव वीवीडी पार्टी ने वील्डर्स के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन देने की संभावना को खारिज नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने कैबिनेट में भागीदारी से इनकार कर दिया है। इस बीच, मध्यमार्गी एनएससी पार्टी के पीटर ओमटज़िगट, उग्र विचार वाले गीर्ट विल्डर्स को समर्थन देने से हिचकिचा रहे हैं।

पीटर ओमटज़िगट का मानना है, कि गीर्ट विल्डर्स के विचार नीदरलैंड की धार्मिक स्वतंत्रता के विचारों से टकरा सकते हैं।

आपको बता दें, कि नीदरलैंड में गठबंधन सरकार बनाने के लिए बातचीत अक्सर कई महीनों तक चलती रहती है, जिसमें पार्टी सहयोग को लेकर स्थिति बदलती रहती है। यदि वील्डर्स सरकार बनाने में नाकाम रहते हैं, तो रॉयटर्स के अनुसार, पीवीवी को छोड़कर कई सारे मध्यमार्गी पार्टी गठबंधन सरकार का गठन कर सकते हैं।

आपको बता दें, कि गीर्ट विल्डर्स को मिली जीत, यूरोप के लिए बड़ा सिरदर्द माना जा रहा है, क्योंकि कई यूरोपीय देशों में धुर दक्षिणपंथी पार्टियां चुनावी जीत हासिल कर रही हैं। इससे भी बड़ी बात ये है, कि दक्षिणपंथी पार्टी को देशों में स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।

फ्रांस में मरीन ले पेन और हंगरी में विक्टर ओर्बन को भारी समर्थन मिल रहा है और संभावना है, कि अगले चुनाव में ये दोनों नेता देश में शीर्ष पर पहुंच सकते हैं। मरीन ले पेन ने फ्रांस में पिछला राष्ट्रपति चुनाव काफी कम अंतर से हारा था।

गीर्ट विल्डर्स वो नेता हैं, जो भारत में हिंदू-मुस्लिम से जुड़े मुद्दों पर खुलकर लिखते और बोलते रहते हैं और भारत में उनका एक बड़ा प्रशंसक वर्ग बनने लगा है और उनके ट्वीटर अकाउंट पर भारतीय लोगों के कॉमेंट्स के भरमार रहते हैं।

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