मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षात्मक बैठक की। इस दौरान उन्होंने शत-प्रतिशत उसना चावल तैयार कराने के लक्ष्य पर काम करने के निर्देश दिए।
बैठक में नीतीश ने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव सहायता के लिए तत्पर रहती है। उन्होंने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कृषि कार्य से जुड़े हुए लोगों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में उसना चावल खाने वालों की संख्या अधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए शत-प्रतिशत उसना चावल तैयार कराने के लक्ष्य पर काम करें। धान अधिप्राप्ति का कार्य तेजी और बेहतर ढंग से करें ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एवं धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,183 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि 1 नवंबर 2023 से 15 फरवरी 2024 तक रखा गया है। चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है और इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति को लेकर अब तक 1 लाख 24 हजार 721 रैयत किसानों तथा 1 लाख 86 हजार 358 गैर रैयत किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनकी संख्या और बढ़ेगी। उसना चावल मिलरों की संख्या पिछले वर्ष 255 थी जो अब बढ़कर 349 हो गई है।
बैठक में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने धान फसल का अनुमानित आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता के संबंध में जानकारी दी।
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