केंद्र सरकार ने 81 करोड़ लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
इससे पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य नवंबर के अंत तक 16वें वित्त आयोग का गठन करना है। आयोग के लिए संदर्भ की शर्तें (टीओआर) अंतिम चरण में हैं। बता दें कि एन के सिंह के अधीन पिछले वित्त आयोग ने 14वें आयोग के साथ निरंतरता बनाए रखते हुए 42 प्रतिशत के कर हस्तांतरण अनुपात की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
आयोग को क्या देना था सुझाव
इस आयोग को सुझाव देना था कि एक अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच कर को किस अनुपात में विभाजित किया जाएगा। पिछले यानी 15वें वित्त आयोग ने नौ नवंबर, 2020 को पांच वित्त वर्षों यानी 2021-22 से 2025-26 के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग ने राजकोषीय घाटा, संघ और राज्यों के लिए ऋण मार्ग और बिजली क्षेत्र में सुधारों के आधार पर राज्यों को अतिरिक्त कर्ज लेने की सिफारिश भी की थी। बता दें कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.5 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय किया है।
महिलाओं के लिए भी ऐलान
इसके साथ ही कैबिनेट ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन मुहैया करने के लिए एक खास योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 15,000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिए जाएंगे। इस योजना का नाम- केंद्रीय क्षेत्र योजना है।
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