अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 17 साल बाद पहले हुए मर्डर केस का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया. हत्या का हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि सालों पहले एक शख्स की हत्या की गई थी.
दरअसल, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया कि 17 साल पहले उत्तर प्रदेश के आगरा में रोड एक्सीडेंट में शख्स की मौत हो गई थी. इस मामले में इंश्योरेंस क्लेम कर 80 लाख रुपये के बीमा प्राप्त किया गया था. पुलिस ने बताया कि भिखारी की हत्या कर उसे एक्सीडेंट दिखाकर अनिल सिंह नाम के युवक ने अपने नाम का इंश्योरेंस पास करवाया था, जो आज भी जिंदा है.
इंश्योरेंस की रकम के लिए भिखारी को जलाकर मारा गया था
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी अनिल सिंह ने साल 2004 में अपने परिवार के साथ मिलकर LIC के इंश्योरेंस का पैसा लेने के लिए प्लान बनाया. उसने साल 2006 में खुद को मृतक दिखाने के लिए आगरा में एक भिखारी को कार में जलाकर हत्या उसकी कर दी थी. इसके बाद उसने इंश्योरेंस के 80 लाख रुपये हासिल कर लिए थे. फिर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले का रहने वाला अनिल सिंह ने अपना नाम बदला और राजकुमार चौधरी बनकर अहमदाबाद में रहने लगा. साथ ही पिता का नाम विजयपाल की जगह विजयकुमार कर लिया था.
खाना खिलाने के बहाने कार में भिखारी को बैठाया था
इंश्योरेंस की रकम हासिल करने के लिए साल 2006 में अनिल सिंह अपने पिता विजयपाल सिंह और भाई अभयसिंह, रिश्तेदार महिपाल गडरिया और राकेश खटिक को लेकर आगरा पहुंचा था. आगरा टोलटैक्स के पास से एक भिखारी को खाना खिलाने का बहाना बनाया और उसे अपनी कार में बैठा लिया. फिर उसे खाने में नींद की गोली दी और वो बेहोश हो गया. इसके बाद उन्होंने भिखारी को कार ड्राइविंग सिट पर बैठाया आग लगा दी. इस तरह आरोपीयों ने भिखारी की हत्या कर अनिल सिंह को एक्सीडेंट में मृत दिखा दिया.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल
डीसीपी चैतन्य मंडलिक ने बताया कि आरोपी अपना गुनाह कुबूल कर लिया है. अनिल सिंह ने अहमदाबाद में हर किसी को अपना नाम राजकुमार बताया. यहां नकली नाम से डॉक्यूमेंट जैसे की ड्राइविंग लाइसेंस, आधारकार्ड, पैनकार्ड भी बनवा लिए. पुलिस ने नकली डॉक्यूमेंट का केस दर्ज कर आगरा पुलिस का संपर्क किया है. आगरा पुलिस भिक्षुक की हत्या का केस दर्ज करेगी. इंश्योरेंस की रकम हड़पने का प्लान अनिल सिंह के साथ उसके पिता और भाई ने मिलकर बनाया था.
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