भारत में फेस्टिवल सीजन में कार कंपनियां लाखों कारें बेच डालती हैं, वहीं पाकिस्तान में बीते अक्टूबर में 5 हजार वाहन भी नहीं बिके।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अतिवादियों को छूट देने के बाद वहां राजनीतिक अस्थिरता छाई और फिर धीरे-धीरे इतना राजनीतिक संकट गहरा गया कि बाकी हालातों पर उसका बुरा असर होने लगा।
इतनी कारें तो भारत के एक राज्य में बिक जाती है
पाकिस्तान में इतने बुरे हालात है, तो आपको सोशल मीडिया पर पड़ोसी देश की हालत के बारे में अक्सर सूचनाएं मिलती होंगी कि वहां जरूरी सामग्रियों की कीमतें आसमान छू रही हैं और लोगों की स्थिति समय के साथ खरााब होती जा रही है।
कार न बिकने की वजहें
पाकिस्तान में कारों की डिमांड कम होने की वजह से कारों की सप्लाई में भी भारी गिरावट आई है। हालात ऐसे हैं कि कई कार कंपनियों ने अस्थायी रूप से कारों की मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बंद कर दिए हैं। साथ ही लोगों की परचेजिंग पावर कम करने, ज्यादा टैक्स और फाइनैंस महंगा होने की वजह से कारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
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