दरअसल, लुधियाना के नूरवाला रोड पर होजरी कारोबारी संभव जैन की फैक्ट्री है. 17 नवंबर की रात संभव रोज की तरह काम निपटा कर घर जाने के लिए फैक्ट्री से निकले थे. जैसे ही वो अपनी कार से कुछ दूर ही चले थे, तभी बाइक पर सवार दो लोगों ने उनकी कार में टक्कर मार दी थी. जैसे संभव कार से बाहर निकले, बदमाशों ने उन्हें उनकी ही कार में बैठाकर अगवा कर लिया था.
इसके बाद बदमाशों ने कारोबारी की पत्नी को फोन करके फिरौती मांगी थी. इस दौरान बदमाश कहीं रुके नहीं, बल्कि कारोबारी को साथ लेकर शहर में ही करीब तीन घंटे तक चक्कर लगाते रहे थे. इसके बाद उन्होंने कारोबारी संभव की जांघ में गोली मार दी थी. और उन्हें एक सुनसान जगह पर फेंक कर फरार हो गए थे. पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए एक-एक करके पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था.
मगर, इस कांड में शामिल दो बदमाश संजीव कुमार उर्फ संजू बहमन और शुभम गोपी फरार चल रहे थे. बुधवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों बदमाश लुधियाना जिले की तहसील सहनेवाल के पास आ रहे हैं. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए वहां जाल फैलाया. जैसे ही बदमाश वहां पहुंचे और उन्होंने पुलिस देखा तो फायरिंग शुरु कर दी.
इस दौरान पुलिस वे जवाबी फायरिंग की, जिसमें संजीव कुमार उर्फ संजू बहमन और शुभम गोपी दोनों पुलिस की गोली लगने से मारे गए. जबकि एक पुलिसकर्मी भी ज़ख़्मी हो गया. इस मुठभेड़ को पंजाब पुलिस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है कि क्योंकि मारे गए दोनों बदमाश बेहद शातिर थे. इससे पहले पुलिस ने इस अपहरणकांड में शामिल जतिन उर्फ नेपाली, प्रेमजीत, मंतोष कुमार, आदित्य शर्मा उर्फ बोहेमिया और मंदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया था.
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