UP Police Recruitment Board Daroga bharti: लखनऊ में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा दो बार अलग-अलग जन्मतिथि दर्शा कर देने के बाद नई जन्मतिथि का दस्तावेज लगाकर वर्ष 2020-21 की दरोगा भर्ती में चयनित प्रशिक्षु पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आरोपी का निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चुनार आरटीसी में प्रशिक्षण शुरू कर चुके इस दरोगा के खिलाफ इसके एक रिश्तेदार की शिकायत पर जांच में सच सामने आया। उसकी दोनों जन्मतिथियों में एक साल का अंतर है।
इस मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड की डिप्टी एसपी आसमा माजिद ने हुसैनगंज कोतवाली में आगरा निवासी प्रशिक्षु दरोगा पर मुकदमा दर्ज कराया है। उनके मुताबिक आरोपी प्रशिक्षु दरोगा आगरा के अछनौरा निवासी देवेन्द्र सिंह इससे पहले यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में भी चुना जा चुका है। वर्ष 2020-21 में उपनिरीक्षक नागरिक की सीधी भर्ती के लिये देवेन्द्र ने पिछड़ा वर्ग के तहत आवेदन किया था। चयन पर उसे मिर्जापुर स्थित चुनार ट्रेनिंग सेंटर में भेज दिया गया।
इस बीच आगरा के रंजीत सिंह ने पुलिस भर्ती बोर्ड को शिकायती पत्र भेजा कि देवेन्द्र ने वर्ष 2011-2012 में हाईस्कूल, वर्ष 2013-2014 में इंटरमीडिएट परीक्षा में अलग-अलग जन्मतिथि दिखायी है। इस आधार पर उसने मध्य प्रदेश और यूपी की सिपाही भर्ती परीक्षा पास की थी। इसके साथ वर्ष 2020-21 में सब इंस्पेक्टर पद के लिये उसका चयन हो गया।
बयान में झूठ बोलने पर फंसा शिकायत पर पुलिस भर्ती बोर्ड ने प्रशिक्षण ले रहे देवेन्द्र को बयान के लिए बुलाया। देवेन्द्र 21 जून को बयान के लिये भर्ती बोर्ड में उपस्थित हुआ। उससे पूछा गया कि एक बार परीक्षा में जन्मतिथि 30 जुलाई, 1995 और दूसरी बार की परीक्षा में जन्मतिथि 15 नवम्बर, 1996 क्यों लिखी गई। देवेन्द्र ने जवाब दिया कि उसने हाईस्कूल परीक्षा 2012 और इंटरमीडिएट परीक्षा 2014 में पास की है। इसमें लिखी जन्मतिथि 15 नवम्बर, 1996 ही सही है। वर्ष 2011 और वर्ष 2013 में परीक्षा नहीं देने की बात कही। उसने बताया कि गांव कें कुछ लोग उससे रंजिश रखते हैं, इसलिये ऐसी शिकायत करते रहते हैं। डिप्टी एसपी आसमा के मुताबिक जांच में बयान गलत मिले। उसने दो बार दी गई बोर्ड परीक्षाओं में दिखायी जन्मतिथि में एक साल का अंतर था।
जांच रिपोर्ट में लिखा, चयन के लिए पात्र नहीं
जांच रिपोर्ट में लिखा गया कि देवेन्द्र सिंह ने दो जन्मतिथियों का उल्लेख बोर्ड परीक्षाओं में किया है। बयान में भी गलत बोला। लिहाजा वह अब चयन के लिये पात्र नहीं है। एफआईआर में लिखा गया है कि भर्ती परीक्षा मानकों के मुताबिक कोई भी तथ्य गलत पाये जाने पर अभ्यर्थी का चयन निरस्त माना जायेगा।
एक टिप्पणी भेजें