- दिल्ली-आगरा NH पर चल रहा था गंदा काम, रुला देगी एक बहन की कहानी | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2023

दिल्ली-आगरा NH पर चल रहा था गंदा काम, रुला देगी एक बहन की कहानी


 थुरा. उत्तर प्रदेश में सड़क किनारे वेश्यावृत्ति का गैर-कानूनी धंधा करने वालों के खिलाफ यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. मथुरा पुलिस ने लड़कियों को बंधक बनाने, उनके साथ दुष्कर्म करने और उनसे वेश्यावृत्ति कराने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने उनके चंगुल से तीन लड़कियों को भी मुक्त कराया है. आरोपी कोसीकला थाना इलाके में आने वाले दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे स्थित एक ढाबे पर देह व्यापार कराते थे. पुलिस को ढाबे से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री और शराब की बोतलें मिली हैं. इस देह व्यापार का खुलासा उस वक्त हुआ जब पुलिस ने झारखंड की रहने वाली एक नाबालिग लड़की की तलाश में होटलों और ढाबों पर दबिश देना शुरू की. पुलिस की इस खोज में मुक्ति फाउंडेशन ने भी मदद की.

गौरतलब है कि, दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर स्थित कुछ होटलों-ढाबाों पर देह व्यापार का धंधा बेखौफ चल रहा है. यहां देश के अलग-अलग राज्यों से मानव तस्करी कर लड़कियां लाई जाती हैं. उन्हें बंधक बनाकर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है. दिल्ली की संस्था मुक्ति फाउंडेशन ने पुलिस की मदद से होटलों-ढाबों से 5 लड़कियों का रेस्क्यू किया. पुलिस ने यहां से वैश्यावृत्ति करा रहे 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. दरअसल, झारखंड की लड़की एक हफ्ते पहले दिल्ली में बाल कल्याण समिति के पास पहुंची. उसने समिति के सदस्यों को बताया कि उसकी नाबालिग बहन को कहीं बंधक बनाकर रखा हुआ है. कुछ लोग उससे गलत काम करवा रहे हैं. उसने समिति को बताया कि उसकी बहन को दिल्ली के आनंद विहार में कही रखा हुआ है. युवती की आपबीती सुनने के बाद समिति ने मिशन मुक्ति नाम की संस्था को इस मामले की पड़ताल करने का आदेश दिया.

पीड़िता की बहन से मिली मदद
एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि इसके बाद संस्था ने ऑपरेशन रेस्क्यू शुरू किया. पीड़िता की बहन ने संस्था की टीम को बताया कि उसके पास अलग-अलग नंबरों से फोन आते हैं. संस्था ने उससे ये नंबर ले लिए. उसके बाद टीम ने नंबर का पता किया तो उसकी लोकेशन मथुरा के कोसी क्षेत्र में नेशनल हाईवे की मिली. इस दौरान पीड़िता ने एक बार फिर बहन से वीडियो कॉल पर बात की. इस दौरान युवती की जगह नजर आई. उसके कमरे की खिड़की से भगवान कृष्ण के रथ जैसा बना कुछ दिखाई दिया. ये जानकारी मिलने के बाद मिशन फाउंडेशन के वीरेंद्र के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम मथुरा पहुंच गई. यहां टीम के सदस्यों ने पीड़िता की तलाश शुरू कर दी. टीम के सदस्य कोसी क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर बने होटलों-ढाबों की रैकी करने लगे. वह उस लैंडमार्क को तलाशने लगे जो फोन पर दिखाई दिया था.

इस तरह हुआ देह व्यापार का भंडाफोड़
लैंडमार्क मिलने पर टीम उसके पास बने पहले एक होटल में पहुंची. टीम ने वहां खाना खाया और रैकी की. टीम के सदस्यों ने ग्राहक बनकर लड़की की डिमांड की. यहां होटल वाले ने इस काम के लिए मना कर दिया. उसके बाद सदस्य चौधरी ढाबे पर पहुंचे. यहां उन्होंने चाय ऑर्डर की. इसके बाद उन्होंने वेटर से लड़की की डिमांड की. इस बीच, कमल नाम के व्यक्ति ने उन्हें 6 हजार रुपये में लड़की उपलब्ध कराने की बात कही. उसने संस्था के सदस्यों को वहां 3 लड़कियां दिखाईं. लेकिन, उनमें वो लड़की नहीं थी, जिसकी संस्था तलाश कर रही था. हालांकि, इस दौरान टीम को यह पता चल गया कि यहां देह व्यापार हो रहा है. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने यहां दबिश दी और लड़कियों को मुक्त कराया.

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