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मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023

National Unity Day: राष्ट्रीय एकता दिवस पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से पीएम मोदी ने देश को किया संबोधित, 10 बड़ी बातें

PM Modi Speech On National Unity Day: देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को जयंती है. इस मौके पर पीएम मोदी ने गुजरात के केवड़िया में पटेल की लौह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास से देश को संबोधित किया.

पीएम मोदी ने कहा, देश को तुष्टीकरण की राजनीति ने बहुत बर्बाद किया है इसलिए ऐसी राजनीति करने वालों को कभी सफल नहीं होने देना है.

पीएम मोदी ने यहां पर देश को संबोधित करते हुए कहा, 'तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने कभी भी आतंकवाद का पुरजोर तरीके से विरोध नहीं किया. उनको आतंकवाद और विकास यात्रा में कुछ भी नहीं दिखाई दिया. तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है. वो आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वो देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं. तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है. ऐसी सोच से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता.

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

  • तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने आतंकवाद का विरोध नहीं किया. तुष्टिकरण की सोच काफी खतरनाक है इससे देश का कभी भी भला नहीं हो सकता है.
  • बीजेपी सरकार संकल्प से सिद्धि की सरकार है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये एकता नगर है. ये दुनिया का ग्रीन ग्लोबल शहर है.
  • हमने कश्मीर से धारा 370 हटा दी, किसी ने भी नहीं सोचा था कि कश्मीर से कभी धारा 370 भी हट सकती है.
  • हम भारत के लोकतंत्र को नई ऊंचाई पर लेकर गये हैं. G20 में भारत के सामर्थ्य को देखकर दुनिया हैरान हो गई है.
  • 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटीपर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये कार्यक्रम राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं.
  • आज मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है. राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है.
  • भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है.
  • यहां आने वाले लोगों को सिर्फ भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते बल्कि उसे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है.
  • भारत परंपरा की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है. मेरे सामने लघु भारत का रूप दिख रहा है. यहां राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है.
  • हमें विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश की एकता को बनाए रखने का प्रयास एक पल भी नहीं छोड़ना है.

 

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