बच्चों की खिलौना रिवाल्वर का नाम सुनते ही जेहन में मामूली छोटी सी प्लास्टिक की गन की तस्वीर उभर आती है। लेकिन इस खिलौना रिवाल्वर के रिंग के साथ जब मिसाइल यानी शॉट का कॉकटेल होता है तो ये बेहद खतरनाक हो जाता है।
रॉकेट की तरह शॉट तेजी से ऊपर जाता है और धमाका भी होता है। कहने को ये खिलौना रिवाल्वर है, लेकिन व्यक्ति को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है।
पूरे मेरठ एनसीआर में इन रिवाल्वर का दिवाली पर बड़ा मार्केट होता है। इनके लिए ही अवैध रूप से मिसाइल बनाई जाती है। लोहिया नगर में किराये पर बिल्डिंग लेकर जागृति विहार का गौरव गुप्ता जो मिसाइल तैयार कर रहा था, ये इन्हीं खिलौना रिवाल्वर में इस्तेमाल की जाती हैं।
खिलौना रिवाल्वर सिर्फ मार्केट में ही नहीं बल्कि ऑनलाइन भी उपलब्ध है। पांच सौ रुपये तक की कीमत में मिलने वाली इस प्लास्टिक की रिवाल्वर में आठ डॉट का गोल रिंग डलता है। इसको जब आप रिवाल्वर में डालकर ट्रिगर दबाते हैं तो मामूली सी चिंगारी के साथ हल्की सी आवाज आती है। ये खतरनाक नहीं होती है। लेकिन पिछले कई साल से इसको बेहद खतरनाक बना दिया है।
इस प्लास्टिक की रिवाल्वर के लिए मिसाइल यानी शॉट तैयार कर लिए गए हैं। एक इंच की लंबाई वाली इस मिसाइल में अंदर हल्का सा बारुद चिपका रहता है। इसमें अंतिम छोर पर बंद करने की जरूरत भी नहीं होती है। रिवाल्वर में आठ डॉट वाला गोल रिंग डालने के बाद उसकी नली में मिसाइल यानी शॉट डाल दिया जाता है। ट्रिंगर दबाने के बाद जैसे ही चिंगारी निकलती है तो वह मिसाइल के भीतर भरे बारुद के सपंर्क में आते ही गोली की तरह काम करती है।
ये किसी पक्षी को लग जाए तो उसकी जान जाना निश्चित है। किसी व्यक्ति को लग जाए तो जलना निश्चित है। ऐसे में इसे सिर्फ बच्चों की खिलौना रिवाल्वर समझकर उनके हाथ में न दें। ये उनके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
मार्केट में धड़ल्ले से बिकने के कारण ही इसके शॉट अवैध रूप से बन रहे हैं। गौरव गुप्ता की फैक्टरी में जो शॉट मिले हैं, ये टाइटेनिक ब्रांड के नाम से बनाए जा रहे थे।
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