रैपिड सिटी में लगातार बढ़ती जा रही अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगाने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ध्वस्तीकरण के साथ और भी कड़ा कदम उठाने जा रहा है. अब मेडा ध्वस्तीकरण के बाद दोबारा बनने वाली कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा.
अवैध बिल्डिंग पर लगी सील तोड़ने वालों पर भी सरकारी कार्य में बाधा डालने के अपराध में आईपीसी की धारा 186 के तहत एफआईआर दर्ज कराएगा. मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय का कहना है कि जब तक अवैध कॉलोनाजरों के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाया जाएगा, तब तक अवैध कॉलोनी काटी जाती रहेगी.
175 अवैध कॉलोनी की जा चुकी ध्वस्त, 100 का अस्तित्व पूरी तरह खत्म मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि मेडा ने पिछले साल दिसंबर माह में मेरठ शहर और आसपास में बन रहीं 366 अवैध कॉलोनी चिह्नित कर इनकी सूची विभाग की वेबसाइट पर डाली थी ताकि लोग इन कॉलोनियों में संपत्ति खरीदकर अपना नुकसान न करें.
इन कॉलोनियों के खिलाफ चलाए जा रहे ध्वस्तीकरण अभियान के तहत 366 में से 175 अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जा चुका है. इनमें से 100 कॉलोनियों का अस्तित्व पूरी तरह खत्म कर दिया है. दिसंबर माह तक कुल 0 कॉलोनियों का पूरी तरह अस्तित्व खत्म कर दिया जाएगा.
सील तोड़ने वालों की होगी एफआईआर
वीसी ने बताया कि अभी तक सील तोड़ने वालों धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाती है लेकिन अब 188 के साथ आईपीसी की धारा 441 के तहत कार्रवाई होगी और सरकारी कार्य में बाधा डालने पर आईपीसी की धारा 186 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
कॉलोनी खत्म कर बनाया 'हॉट स्पॉट जोन'
वीसी ने बताया कि जिन कॉलोनियों को पूर्णतया खत्म कर दिया है, उन्हें 'हॉट स्पॉट जोन' नाम दिया गया है. अब यहां बनने वाले मकानों को अवैध मकान घोषित किया जाएगा ना कि कॉलोनी को. ये अपने तरह का नया प्रयोग होगा, जिससे लोगों का मेडा के प्रति विश्वास बढ़ेगा और अवैध कॉलोनी काट रहे कॉलोनाइजर वैध तरीके से ही कॉलोनी विकसित कर सकेंगे.
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