Israel Hamas War: इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उसने गाजा पट्टी में किए गए एयरस्ट्राइक में हमास के एयर फोर्स चीफ अबू मुराद को मार गिराया है। आईडीएफ के मुताबिक उसने अबू मुराद के मुख्यालय को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक किया।
हमास को 'नष्ट' करने का संकल्प
इजराइल की सेना ने जमीन हमलों की शुरुआत कर दी है। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को पूरी तरह से नष्ट करने का संकल्प व्यक्त किया है। नेतन्याहू ने शुक्रवार देर रात राष्ट्रीय टेलीविजन पर संबोधन के दौरान यह चेतावनी दी। इजराइल पिछले शनिवार को हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए सीमा पार हमले के बाद से गाजा पर हवाई हमले कर रहा है। हमास के हमले में 1,300 से अधिक लोग मारे गए थे। इजराइल ने शुक्रवार तड़के गाजा की आधी आबादी को अपने घर खाली करने का आदेश दिया था। नेतन्याहू ने कहा,''यह सिर्फ शुरुआत है। हम इस युद्ध को पहले से भी अधिक मजबूती से खत्म करेंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा,''हम हमास को खत्म कर देंगे।'' उन्होंने कहा कि इजराइल को इस अभियान के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है।
इजरायली हमले में 70 लोग मारे गए: हमास
हमास के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि गाजा शहर को छोड़कर जा रहे लोगों के काफिलों पर इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमलों में 70 लोग मारे गए है। मृतकों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। हमास के मीडिया कार्यालय ने बताया कि गाजा शहर से दक्षिण की ओर जाते समय तीन स्थानों पर कारों पर हमला किया गया। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि हवाई हमलों का लक्ष्य कौन था और यात्रियों में आतंकवादी थे या नहीं। सेना ने संभावित जमीनी हमले से पहले निवासियों को शुक्रवार तड़के शहर खाली करने का आदेश दिया था।
गाजा को खाली करने का आदेश ‘अत्यधिक खतरनाक’ : UN चीफ
संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि इजराइल का उत्तरी गाजा में करीब 11 लाख लोगों को 24 घंटे के भीतर वहां से चले जाने की चेतावनी देना ‘‘अत्यधिक खतरनाक’’ और ‘‘कतई संभव नहीं’’ है। उन्होंने कहा कि युद्ध के भी कुछ नियम होते हैं। गाजा में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को बृहस्पतिवार को इजराइली सेना में उनके संपर्क अधिकारियों ने सूचना दी कि उत्तरी गाजा की तकरीबन 11 लाख आबादी को अगले 24 घंटे के भीतर दक्षिणी हिस्से में चले जाना चाहिए। यह आदेश संयुक्त राष्ट्र के सभी कर्मियों और उन लोगों पर भी लागू होता है, जिन्होंने स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और क्लीनिक समेत संयुक्त राष्ट्र केंद्रों में शरण ली हुई है।
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