इजरायल हमास के संघर्ष की जड़ में इजरायल फिलिस्तीनी विवाद है जो कि दो धार्मिक समुदायों के बीच है. दोनों ही समुदाय यरूशलम और उसके आसपास की जमीन को अपनी धर्म के अनुयायियों की मानते हैं और उस पर अपना अपना दावा करते हैं.
इब्राहीमी धर्म की धारणा
दरअसल ये तीनों ही धर्म इब्राहीमी धर्म समूह माने जाते हैं क्योंकि इनकी जड़ें एक ही हैं. तीनों की धार्मिक ग्रंथ, चाहे यहूदियों हिब्रू बाइबल हो, ईसाइयों की बाइबल हो या फिर मुस्लिमों की कुरआन, भी में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि वे इब्राहम या अब्राहम के ईश्वर को मानते हैं. यानि तीनों धर्म एक ही व्यक्ति से जुड़े हैं.
एक ही पितामह?
दिलचस्प बात यह है कि तीनों ही धर्मों के पवित्र धार्मिक ग्रंथों में इब्राहिम को बहुत ही सम्मान जनक पितामह और और पैगम्बर या ईश्वर का दूत माना गया है. क्या हैं इब्राहीमी धर्म एक ईश्वर को मानते हैं और वे इब्राहिम को ईश्वर का संदेशवाहक के तौर पर देखते हैं. इब्राहीमी धर्म कोई विशेष धर्म नहीं है बल्कि एक अवधारणा है.
यहूदियों की धारणा
इजरायली या यहूदियों के धर्मिक बाइबल ग्रंथ तोराह में उनके पूर्वजों को इब्राहिम के पुत्र इसहाक के वंशज माना गया है. इसहाक की मां की नाम साराह था. और इसहाक के बेटे यानि इब्राहम के पोते जैकब के वंशज ही यहूदी कहे जाते हैं जैकब के बेटों ने ही सामूहिक तौर पर कनान में इजरायलियों का देश बनाया था.
यरूशलम औ र उसके आसपास के इलाकों पर ही यहूदियों और मुस्लिम दावा करते हैं.
ईसाई और मुस्लिम के पूर्वज भी
ईसाई धर्म की ग्रंथ बाइबल में भी इब्राहिम से यहूदियों के वंशज होने का जिक्र है. ईसाई धर्म भी दावा करता है कि ईसा मसीह भी इब्राहिम के ही वंशज थे. इसके अलावा इस्लाम के पवित्र धर्म ग्रंथ में भी इब्राहिम का ही उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि मुस्लिमों के सबसे प्रमुख पैगम्बर मोहम्मद (जो कि एक अरब थे) इब्राहिम के बेटे इश्माएल के वंशज, हागर के वंशज थे..
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ईश्वर से संबंध
इस तरह जहां यहूदी धर्म में इब्राहिम यहूदियों और ईश्वर के बीच संथापक पिता के तौर संबंधी बताए जाते हैं. वहीं ईसाई धर्म में वे एक ईश्वर को मानने वाले सभी लोगों (यहूदी और गैर यहूदी दोनों) आध्यात्मिक पुरखे के तौर पर देखे जाते हैं. इस्लाम में उन्हें इस्लामी पैगम्बरों की कड़ी में से एक के तौर पर देखा जाता है जिसमें शुरुआत आदम से हुई थी और आखिर पैगम्बर मोहम्मद थे.
तीनों ही धर्मों के पवित्र ग्रंथों में उनके अनुयायी इब्राहिम के ही वंशज बताए गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
इब्राहिम की कहानी
हिब्रू बाइबल औरईसाइयों की ओल्ड टेस्टामेंट की पहली पुस्तक जेनेसिस में इब्राहिम के जीवन की कथा का जिक्र है. इसके मुताबिक ईश्वर ने इब्राहिम को अपने पिता तेराह को छोडकर कनान में रहने का आदेश दिया था. यह आदेश उन्हें करीब 2000 ईसापूर्व मेसोपोटामिया और हारान को छोड़ कर कनान और मिस्र जाने का मिला था.
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ईश्वर का कहना था कि कनान अब इब्राहिम और उनकी संतानों का घर होगा. कनान आज के इजरायल, फिलिस्तीन और जोर्डन का कुछ हिस्सा है. इब्राहिम और उनकी पत्नी साराह का पुत्र इसाहक को यह विरासत मिली जबकि इसहाक के सौतेले भाई इश्माएल से भी वादा किया गया था कि वह एक महान राष्ट्र का संस्थापक कहलाएगा.
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