‘Zombie Worms’ Discovered: वैज्ञानिकों ने 'जोंबी कीड़े' की खोज की है. जब इन कीड़े के बारे में वैज्ञानिकों को पता चला तो वे हैरान रह गए. ये कीड़े समुद्र में गिराई गईं तीन मगरमच्छों की लाशों में एक को पूरी तरह से खा गए. ये कीड़े मगरमच्छ को ऐसे चट कर गए, उसका सिर्फ कंकाल ही बचा था. इस दृश्य ने वैज्ञानिकों को दंग कर दिया. उन्होंने 3 मृत मगरमच्छों को ओसियन स्टडी के लिए समुद्र में गिराया था.क्या था वैज्ञानिकों का मकसद? : मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा करने के पीछे वैज्ञानिकों का मकसद यह जानना था कि मैक्सिको की खाड़ी में डेढ़ मील की गहराई पर इन मगरमच्छों की लाशों पर भूखे समुद्री जीव कैसे रिएक्ट करेंगे. एक मगरमच्छ का कुल वजन 38.9 किलोग्राम (85.8 पाउंड) होने के बावजूद, यह कीड़े उसे रेत के माध्यम से 30 फीट तक खींचने में कामयाब रहे, जैसा कि घसीटने के निशान से पता चलता है. जिस रस्सी से मगरमच्छ को बांधा गया था उसको भी इन कीड़ों ने काट दिया था.
आठ दिन बाद जब वैज्ञानिक उस जगह पर पहुंचे जहां पर मगरमच्छों की लाशों को समुद्र में गिराया गया था. उन्हें समुद्र तल में उस जगह मगरमच्छ के आकार के गड्ढे के अलावा कुछ भी नहीं मिला. दूसरे मगरमच्छ की हड्डियां कुछ ही हफ्तों में साफ हो गईं. तीसरे मगरमच्छ को गहरे समुद्र में रहने वाले क्रस्टेशियंस ने खा लिया.
लुइसियाना यूनिवर्सिटीज मरीन कंसोर्टियम के डॉक्टर क्रेग मैकक्लेन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने का कोई तरीका नहीं है कि मगरमच्छ को किसने खा लिया. उन्होंने कहा, 'हमारे पास उस मगरमच्छ को खाते हुए किसी भी जीव का कोई वीडियो सबूत नहीं है.'
मगरमच्छ की हड्डियों में मिले जोंबी कीड़े
ऐसा माना जाता है कि ग्रीनलैंड शार्क या सिक्सगिल शार्क ने मगरमच्छों को खा लिया होगा. लेकिन 24 घंटे से भी कम समय के बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि विशाल आइसोपॉड का एक समूह, एक प्रकार का क्रस्टेशियंस, पहले से ही एक मगरमच्छ की खाल में घुस चुका था. जब वैज्ञानिकों ने डेढ़ महीने बाद दूसरे मगरमच्छ की जांच की, तो उन्हें केवल उसके कंकाल के अवशेष मिले, कोई नरम ऊतक नहीं बचा था. हड्डियों से एक प्रकार का जोंबी वॉर्म या ओसेडैक्स [OSEDAX] भी सामने आया, जो पहले विज्ञान के लिए अज्ञात था. यह कीड़े हड्डियों में बस जाते हैं, उनके अंदर के लिपिड को खा जाते हैं, और मैक्सिको की खाड़ी में पहले कभी नहीं देखे गए हैं.
क्या था वैज्ञानिकों का मकसद? : मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा करने के पीछे वैज्ञानिकों का मकसद यह जानना था कि मैक्सिको की खाड़ी में डेढ़ मील की गहराई पर इन मगरमच्छों की लाशों पर भूखे समुद्री जीव कैसे रिएक्ट करेंगे. एक मगरमच्छ का कुल वजन 38.9 किलोग्राम (85.8 पाउंड) होने के बावजूद, यह कीड़े उसे रेत के माध्यम से 30 फीट तक खींचने में कामयाब रहे, जैसा कि घसीटने के निशान से पता चलता है. जिस रस्सी से मगरमच्छ को बांधा गया था उसको भी इन कीड़ों ने काट दिया था.
आठ दिन बाद जब वैज्ञानिक उस जगह पर पहुंचे जहां पर मगरमच्छों की लाशों को समुद्र में गिराया गया था. उन्हें समुद्र तल में उस जगह मगरमच्छ के आकार के गड्ढे के अलावा कुछ भी नहीं मिला. दूसरे मगरमच्छ की हड्डियां कुछ ही हफ्तों में साफ हो गईं. तीसरे मगरमच्छ को गहरे समुद्र में रहने वाले क्रस्टेशियंस ने खा लिया.
लुइसियाना यूनिवर्सिटीज मरीन कंसोर्टियम के डॉक्टर क्रेग मैकक्लेन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने का कोई तरीका नहीं है कि मगरमच्छ को किसने खा लिया. उन्होंने कहा, 'हमारे पास उस मगरमच्छ को खाते हुए किसी भी जीव का कोई वीडियो सबूत नहीं है.'
मगरमच्छ की हड्डियों में मिले जोंबी कीड़े
ऐसा माना जाता है कि ग्रीनलैंड शार्क या सिक्सगिल शार्क ने मगरमच्छों को खा लिया होगा. लेकिन 24 घंटे से भी कम समय के बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि विशाल आइसोपॉड का एक समूह, एक प्रकार का क्रस्टेशियंस, पहले से ही एक मगरमच्छ की खाल में घुस चुका था. जब वैज्ञानिकों ने डेढ़ महीने बाद दूसरे मगरमच्छ की जांच की, तो उन्हें केवल उसके कंकाल के अवशेष मिले, कोई नरम ऊतक नहीं बचा था. हड्डियों से एक प्रकार का जोंबी वॉर्म या ओसेडैक्स [OSEDAX] भी सामने आया, जो पहले विज्ञान के लिए अज्ञात था. यह कीड़े हड्डियों में बस जाते हैं, उनके अंदर के लिपिड को खा जाते हैं, और मैक्सिको की खाड़ी में पहले कभी नहीं देखे गए हैं.
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