UP News: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को लेकर दिए गए बयान का विरोध बढ़ता जा रहा है. संतों-महंतों के साथ हिंदू संगठनों के लोग इसे सनातन धर्म को समाप्त करने की साजिश बता रहे हैं.
इस बीच उत्तर प्रेश के अयोध्या (Ayodhya) के तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य (Paramhans Acharya) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को पत्र भेज कर स्टालिन को पद मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है. साथ ही कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो 18 सितंबर को वह स्टालिन से मिलने जाएंगे और जिस तरह हनुमान ने कालनेमि का वध किया था, उसी तरह वे उनका सिर कलम करके लौटेंगे.
इससे पहले परमहंस आचार्य ने स्टालिन का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. फिर रकम कम होने पर बढ़ाने की बात की और इसके बाद उदयनिधि स्टालिन ने भी तंज कसा था. स्टालिन ने कहा था कि इसके लिए 10 रुपये का कंघा ही काफी है. ऐसे में अब परमहंस आचार्य ने डीएमके नेता को लेकर विवादित बयान दे दिया है.
'वसुधैव कुटुंबकम के अनुयायी हैं हम'
परमहंस आचार्य ने कहा, "हम लोग सनातन धर्म के मानने वाले हैं. हमारा धर्म चींटी को भी बचाकर चलने की बात करता है. हम अहिंसा वादी हैं और वसुधैव कुटुंबकम के अनुयायी हैं लेकिन जिस तरह से डीएमके नेता ने कहा कि डेंगू-मलेरिया की तरह सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए, इसके बाद मैंने कहा कि जो उनकी गर्दन कटेगा उसे 10 करोड़ रुपये दूंगा. इस पर उन्होंने पलटवार किया और कहा कि मैं अपने बयान पर अडिग हूं, फिर उनका बयान आ गया कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता हमारे दादा को भी ऐसी धमकी मिली थी."
'दूसरे धर्म के बारे में बयान दिया होता तो चिथड़े न मिलते'
आचार्य ने आगे कहा, "हमने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेज कर तत्काल प्रभाव से उनको अपदस्थ करने की हमने मांग की है. मैंने कहा है कि अगर ऐसा न हो तो हमें उनसे मिलने की अनुमति प्रदान कर दी जाए, क्योंकि दूसरे धर्म के बारे में किसी ने ऐसा बयान दिया होता तो अभी तक उसके चिथड़े भी न मिलते लेकिन सनातन पर जहां भारत के 100 करोड़ लोगों में से 80 प्रतिशत लोग इस धर्म को मानने वाले हैं, उन्होंने उनकी हत्या का आह्वान किया है."
अनुमति नहीं पर भी स्टालिन से मिलने जाऊंगा- आचार्य
तपस्वी छावनी के संत ने कहा, "मैं 18 सितंबर को डीएमके नेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन से मिलने जाऊंगा और इसके लिए मैंने अनुमति मांगी है. अगर अनुमति मिली तो ठीक है नहीं तो फिर भी मैं जाऊंगा और जिस तरह से हनुमान ने कालनेमि का वध किया था, इस तरह मैं डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन का सिर कलम करके लौटूंगा." बता दें कि उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए कहा था कि इसका विरोध नहीं, बल्कि इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए.
UP News: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को लेकर दिए गए बयान का विरोध बढ़ता जा रहा है. संतों-महंतों के साथ हिंदू संगठनों के लोग इसे सनातन धर्म को समाप्त करने की साजिश बता रहे हैं.
इससे पहले परमहंस आचार्य ने स्टालिन का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. फिर रकम कम होने पर बढ़ाने की बात की और इसके बाद उदयनिधि स्टालिन ने भी तंज कसा था. स्टालिन ने कहा था कि इसके लिए 10 रुपये का कंघा ही काफी है. ऐसे में अब परमहंस आचार्य ने डीएमके नेता को लेकर विवादित बयान दे दिया है.
'वसुधैव कुटुंबकम के अनुयायी हैं हम'
परमहंस आचार्य ने कहा, "हम लोग सनातन धर्म के मानने वाले हैं. हमारा धर्म चींटी को भी बचाकर चलने की बात करता है. हम अहिंसा वादी हैं और वसुधैव कुटुंबकम के अनुयायी हैं लेकिन जिस तरह से डीएमके नेता ने कहा कि डेंगू-मलेरिया की तरह सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए, इसके बाद मैंने कहा कि जो उनकी गर्दन कटेगा उसे 10 करोड़ रुपये दूंगा. इस पर उन्होंने पलटवार किया और कहा कि मैं अपने बयान पर अडिग हूं, फिर उनका बयान आ गया कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता हमारे दादा को भी ऐसी धमकी मिली थी."
'दूसरे धर्म के बारे में बयान दिया होता तो चिथड़े न मिलते'
आचार्य ने आगे कहा, "हमने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेज कर तत्काल प्रभाव से उनको अपदस्थ करने की हमने मांग की है. मैंने कहा है कि अगर ऐसा न हो तो हमें उनसे मिलने की अनुमति प्रदान कर दी जाए, क्योंकि दूसरे धर्म के बारे में किसी ने ऐसा बयान दिया होता तो अभी तक उसके चिथड़े भी न मिलते लेकिन सनातन पर जहां भारत के 100 करोड़ लोगों में से 80 प्रतिशत लोग इस धर्म को मानने वाले हैं, उन्होंने उनकी हत्या का आह्वान किया है."
अनुमति नहीं पर भी स्टालिन से मिलने जाऊंगा- आचार्य
तपस्वी छावनी के संत ने कहा, "मैं 18 सितंबर को डीएमके नेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन से मिलने जाऊंगा और इसके लिए मैंने अनुमति मांगी है. अगर अनुमति मिली तो ठीक है नहीं तो फिर भी मैं जाऊंगा और जिस तरह से हनुमान ने कालनेमि का वध किया था, इस तरह मैं डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन का सिर कलम करके लौटूंगा." बता दें कि उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए कहा था कि इसका विरोध नहीं, बल्कि इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए.
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