आगरा की फर्जी संस्था अब्दुल कलाम ऑफ ग्रुप एजुकेशन से देशभर में 109 संस्थाओं को फ्रेंचाइजी दी गई है। आगरा निवासी संस्था के मालिक पंकज पोरवाल को जेल भिजवाने के बाद उसके नेटवर्क की जांच कर रही पुलिस को यह अहम सुराग मिला है।
पुलिस ने पंकज और उसकी पत्नी के चार बैंक खातों को सीज कराया है, जिसमें 16 लाख रुपये जमा हैं।
इसके अलावा आरोपियों की चार कीमती संपत्तियों का भी पता चला है। पुलिस ने रिपोर्ट शासन और डीजीपी को भेजी है। इसमें सभी फर्जी संस्थाओं के नाम दिए गए हैं। सरगना पंकज वर्तमान में गोरखपुर जेल में बंद है। उसकी पत्नी व भाई की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई, लेकिन वे फरार हो गए।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने शुक्रवार को बताया कि चौरीचौरा निवासी विजय प्रताप सिंह को कुशीनगर पुलिस ने फर्जी पैरा मेडिकल काॅलेज चलाने के आरोप में जेल भिजवाया था। जमानत पर छूटने के बाद विजय प्रताप ने कोर्ट के आदेश पर चौरीचौरा थाने में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ एजुकेशन आगरा के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कराया। इस मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी पंकज पोरवाल को गिरफ्तार किया। उस समय तमाम जानकारी व कई फ्रेंचाइजी की बात सामने आई। जांच के लिए एएसपी मानुष पारिक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी ने आगरा जाकर कई काॅलेज के दफ्तरों और अन्य जगहों पर जांच की। अब तक की जांच में पता चला है कि अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ एजुकेशन बोर्ड आगरा की कोई विधिक मान्यता नहीं है। फिर भी एएनएम, जीडीए, मेडिकल ड्रेसर जैसे दर्जनों डिप्लोमा कोर्स करवाता है। इस बोर्ड ने यूपी के पूर्वांचल के 40 जिलों व बिहार, पंजाब तथा उत्तराखंड के कई जिलों को मिलाकर 109 फ्रेंचाइजी दी हैं। संचालित बोर्ड में मार्कशीट व प्रमाणपत्र में पंकज पोरवाल की ओर से एग्जाम कंट्रोलर के स्थान पर सगे भाई इंद्रवीर और आयुष पैरामेडिकल प्रमाणपत्र पर उसके पिता स्व सुरेंद्र बाबू गुप्ता के हस्ताक्षर होते थे।
अब्दुल कलाम बोर्ड के नाम से आगरा में एचडीएफसी बैंक में खाता है, जो पंकज व उसकी पत्नी कंचन के नाम से है। एसआईटी को कार्रवाई के दौरान उसके दफ्तर से बोर्ड संचालन से संबंधित दो कंप्यूटर, 109 फ्रेंचाइजी से संबंधित फार्म, मार्कशीट, प्रमाणपत्र, कोर्स से संबंधित किताबें, फ्रेंचाइजी से प्राप्त धन की रसीदें, परीक्षा प्रश्नपत्र व कॉपी बरामद हुई है।
वहीं, पंकज व उसकी पत्नी के नाम से अपराध से अर्जित आगरा में 1400 स्क्वायर फीट का मकान, 3 बीएचके फ्लैट व अर्धनिर्मित मकान, 1200 स्कावयर फीट का प्लाट, एक अन्य प्लाट मिला है। पति-पत्नी के दो संयुक्त खाते सहित चार एकाउंट मिले हैं। इसमें 16 लाख रुपये जमा हैं। इन खातों को सीज करा दिया गया है।
फर्जी बोर्ड में ये हैं 13 पदाधिकारी
एसएसपी के मुताबिक, अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट का एनसीटी दिल्ली में चिट फंड से रजिस्ट्रेशन कराया गया था, जिसमें कुल 13 पदाधिकारी हैं, जिनमें इंदीवर पोरवाल-भाई, कंचन पोरवाल-पत्नी, जयवीर प्रसाद-चाचा, अनिरुद्ध कुमार-मित्र, नरेश कुमार-मित्र, निखिल कुमार-मित्र, कमलकांत-मित्र, कुलदीप वर्मा-मित्र, सुरेंद्र कुमार मित्र, रुची गुप्ता-सहयोगी, दर्शन कुमार खट्टरी-मित्र, प्रेमचंद्र-मित्र, मोहित कुमार-मित्र शामिल हैं।
फर्जी बोर्ड से संचालित होने वाली कुछ फ्रेंचाइजी
कमल किशोर, प्रतिभा पैरामेडिकल एंड नर्सिंग काॅलेज ट्रस्ट देवरिया, संचालिका प्रतिभा सिंह, जननी पैरामेडिकल नर्सिंग साइंस कुशीनगर, संचालक विजय प्रताप सिंह, सौम्य साक्य पैरामेडिकल देवरिया, संचालक रमाकांत कुशवाहा, मां विंध्वासनी पैरामेडिकल काॅलेज रानीडीहा गोरखपुर, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, अन्नपूर्णानंद पैरामेडिकल बलिया, संचालक गुप्तेश्वर पांडेय, रुद्रा पैरामेडिकल काॅलेज वाराणसी, संचालक डाॅ. पवन साहनी, ऑल इंडिया पैरामेडिकल सीतापुर, संचालक राजीव विश्वास, सतीश चंद्र इंस्टीट्यूट चांदपुर शाहजहांपुर, संचालक मुकेश शुक्ला, शान हाॅस्पिटल नरियावल अड्डा बरेली, संचालक डाॅ. फहीम खान, वाशु पैरामेडिकल बुलंदशहर।
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