उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कई बड़े कदम उठा रही है। प्रदेश सरकार विरासत का सम्मान, पर्यटन का विकास को आगे बढ़ा रही है और इस दिशा में कई ऐसे सर्किट को विकसित किया जाएगा जो हमारे देश की धरोहर हैं।
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में धरोहरों को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए कई सर्किट को विकसित करने का फैसला लिया है। जिसमे मुख्य रूप से रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट, वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म सर्किट को विकसित किया जाएगा।
इन सर्किट को बनाने की योजना को पिछले साल ही योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी थी। इस योजना के तहत भगवान राम से जुड़े पर्यटन स्थल, भगवान कृष्ण से जुड़े पर्यटन स्थल को विकसित किया जाएगा। कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव व अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इसी तर्ज पर बौद्धर सर्किट में कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, कौशांबी, श्रावस्ती को जोड़ा जाएगा।
महाभारत सर्किट की बात करें तो इसमे हस्तिनापुर, कांपिल्य, एछत्र, कौशांबी, गोंडा, लाक्षागृह, बरनावा को जोड़ा जाएगा। वहीं स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शाहजहांपुर, मेरठ, काकोरी, चौरीचौरा जैसे स्थलों को विकसित किया जाएगा। सरकार की इस मुहिम से प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने इससे जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसके लिए ना सिर्फ धरोहरों को राजमार्ग से जोड़ा जा रहा है बल्कि इन जगहों को पर्यटकों के लिए खास बनाया जा रहा है और उन्हें कई तरह की सुविधा यहां मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के साथ ही ग्रीन निवेश को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यही वजह है कि पर्यटन स्थलों पर ई-बस और ई-रिक्शा की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को बंद किया जा रहा है। ग्रीन ट्रांसपोर्ट को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार प्राइवेट ऑपरेटर्स को प्रोत्साहित कर रही है।
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