- जब सुप्रीम कोर्ट में बोला केंद्र- विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के लिए माफी मांगे NC नेता अकबर लोन | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 4 सितंबर 2023

जब सुप्रीम कोर्ट में बोला केंद्र- विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के लिए माफी मांगे NC नेता अकबर लोन

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि वह चाहती है कि नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के नेता मोहम्मद अकबर लोन साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के लिए माफी मांगें.

लोन पहले राज्य रहे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं. केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पांच जजों पीठ से कहा कि लोन धारा 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं लेकिन उन्हें बताना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं. साथ ही उनको सदन में नारा लगाने के लिए उन्हें माफी मांगी होगी.

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल रहे. पीठ ने कहा कि जब लोन के जवाब की बारी आएगी तो वह उनसे एक बयान देने को कहेगी. कोर्ट ने कहा कि उसने अखबार में प्रकाशित खबर पढ़ी है और अदालत में दी गई दलीलों पर संज्ञान लिया है. वहीं मेहता ने कहा कि ‘वरिष्ठ नेताओं की ओर से दिए जाने वाले इन बयानों का अपना काफी असर होता है. अगर कोई माफी नहीं मांगी जाती तो दूसरे लोगों का भी हौसला बुलंद होगा. इससे जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए कदमों पर असर पड़ेगा.’

लोन से माफी मांगने की मांग

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन को हलफनामे मे कहना चाहिए कि वह जम्मू कश्मीर मे आतंकवाद और अलगाववाद का विरोध करते हैं. हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पेश औरअनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का समर्थन कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी और वी गिरी ने मेहता का समर्थन किया कि लोन को नारे लगाने के लिए माफी मांगते हुए एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए. कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में नेकां नेता लोन की साख पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि वह अलगाववादी ताकतों के समर्थक हैं.

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