दिल्ली में G20 देशों की महामीटिंग हो रही है, तो रूस में पुतिन और किम जोंग मिलने वाले हैं. ये वो मीटिंग है, जिससे वर्ल्ड ऑर्डर बदल सकता है. इस मुलाकात में जो कुछ होने वाला है, उससे युद्ध की आग बहुत भड़क सकती है.
रूस की धरती पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के बीच मुलाकात होने जा रही है. इस मीटिंग के बाद यूक्रेन का युद्ध महायुद्ध का रूप से सकता है. दरअसल, नॉर्थ कोरिया के 75वें स्थापना दिवस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किम जोंग को बधाई दी. पुतिन ने कहा रूस और उत्तर कोरिया हर क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत करेंगे. ये हमारी सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है.
10-13 सितंबर के बीच हो सकती मुलाकात
बता दें कि 10 से 13 सितंबर के बीच रूस के व्लादिवोस्तोक में पुतिन और किम के बीच मुलाकात होने जा रही है. इस मीटिंग में जो कुछ होने जा रहा है, उसी से अमेरिका समेत पूरे नाटो की सांसें फूल रही हैं. दरअसल इस मीटिंग में पुतिन और किम के बीच हथियारों को लेकर बड़ा करार होने जा रहा है. किम जोंग रूस को हथियार देने की फाइल पर साइन करेंगे.
इसके बदले वो पुतिन से परमाणु तकनीक मांग सकते हैं. ये वो डील है, जिससे सुपरपावर अमेरिका पर दोहरा आघात पड़ेगा. एक तरफ अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन नॉर्थ कोरिया को एडवांस न्यूक्लियर टेक्नोलॉन्जी मिल जाएगी, तो दूसरी तरफ रूस को जंग के लिए हथियार. और इस तरह अमेरिका को यूक्रेन और कोरिया दोनों फ्रंट पर बहुत बड़ा झटका लग जाएगा.
किम जोंग उन करेंगे एटमी धमाका!
रूस की परमाणु तकनीक से किम जोंग उन एटमी धमाका करेंगे तो नॉर्थ कोरिया के हथियार से पुतिन यूक्रेन में नाटो की युद्धनीति को ध्वस्त करेंगे. पुतिन और किम के बीच हथियार सौदे की आधिकारिक खबर सामने आई तो अमेरिका बुरी तरह से बौखला गया. अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने उत्तर कोरिया को तबाह करने की धमकी दे दी. सुलिवन ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया ने रूस को हथियारों की सप्लाई किया और अगर इन हथियारों से यूक्रेन पर हमला किया तो ये नॉर्थ कोरिया के लिए अच्छा नहीं होगा. उसे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
अमेरिका की तरफ से दी गई धमकी
अमेरिका की तरफ से बहुत खौफनाक धमकी जारी की गई है, लेकिन अमेरिकी धमकी से ना तो किम डरते हैं ना ही पुतिन. लिहाजा दोनों ना सिर्फ मीटिंग करने वाले हैं, बल्कि हथियारों को लेकर बड़ी और ऐतिहासिक डील करने वाले हैं. ये वो डील होगी, जिससे वर्ल्ड ऑर्डर 180 डिग्री बदल जाएगा. अमेरिका की बादशाहत खतरे में पड़ जाएगी. असल में पुतिन और किम का लक्ष्य भी यही है
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